1. कपोतासन
कबूतर आसान के नाम से भी जानने वाला कपोटासन मिर्गी को ठीक करने में कारगर साबित होता है। कपोटासन के अभ्यास से शरीर में रिलैक्सेशन होता है। यह सीधे आपके नर्वस सिस्टम पर प्रतिक्रिया करता है। इससे नसों को आराम पहुंचाता है। इसके निरंतर अभ्यास से मेंटल स्ट्रेस और चिंताओं से मुक्ति मिलती है। अगर आप मिर्गी के मरीज हैं तो कपोटसन का अभ्यास आपके लिए फायदेमंद होगा।
कबूतर आसान के नाम से भी जानने वाला कपोटासन मिर्गी को ठीक करने में कारगर साबित होता है। कपोटासन के अभ्यास से शरीर में रिलैक्सेशन होता है। यह सीधे आपके नर्वस सिस्टम पर प्रतिक्रिया करता है। इससे नसों को आराम पहुंचाता है। इसके निरंतर अभ्यास से मेंटल स्ट्रेस और चिंताओं से मुक्ति मिलती है। अगर आप मिर्गी के मरीज हैं तो कपोटसन का अभ्यास आपके लिए फायदेमंद होगा।
2. उत्तानासन
उत्तानासन मिर्गी को ठीक करने में बहुत कारगर साबित होता है। उत्तानासन में हमारी शरीर के ऊपरी हिस्से की स्ट्रेचिंग होती है। इसमें हिप्स लेकर स्पाइन और काल्फ मसल्स तक स्ट्रेच होती है। मांसपेशियों में खिंचाव आने पर मसल्स टेंशन रिलीज होती है जिससे स्ट्रेस कम होता है। स्ट्रेस कम होने से मिर्गी में काफी असर होता है। स्ट्रेस तो मिर्गी का ही एक कारण है। इस आसन को करने से आपके दौरे पर सीधा असर पड़ता है।
उत्तानासन मिर्गी को ठीक करने में बहुत कारगर साबित होता है। उत्तानासन में हमारी शरीर के ऊपरी हिस्से की स्ट्रेचिंग होती है। इसमें हिप्स लेकर स्पाइन और काल्फ मसल्स तक स्ट्रेच होती है। मांसपेशियों में खिंचाव आने पर मसल्स टेंशन रिलीज होती है जिससे स्ट्रेस कम होता है। स्ट्रेस कम होने से मिर्गी में काफी असर होता है। स्ट्रेस तो मिर्गी का ही एक कारण है। इस आसन को करने से आपके दौरे पर सीधा असर पड़ता है।
3. शवासन
शवासन मानसिक स्वास्थ के लिए बहुत फायदेमंद होता है। शवासन करने से मेंटल स्ट्रेस कम होता है। शवासन से सेंट्रल नर्वस सिस्टम भी शांत होता है। इससे मसल्स में टेंशन रिलीज होती है। शवासन करने से नींद में भी काफी सुधार आता है। शवासन न्यूरोलॉजिकल समस्याओं को भी ठीक करता है। यह एंजाइटी को कम करने में बहुत मददगार होता है। साथ ही ब्लड प्रेशर भी लो रखता है। यह आपके नर्वस सिस्टम को रेगुलेट कर मिर्गी ठीक करने में एक महत्वपूर्ण भूमिक निभाता है।
शवासन मानसिक स्वास्थ के लिए बहुत फायदेमंद होता है। शवासन करने से मेंटल स्ट्रेस कम होता है। शवासन से सेंट्रल नर्वस सिस्टम भी शांत होता है। इससे मसल्स में टेंशन रिलीज होती है। शवासन करने से नींद में भी काफी सुधार आता है। शवासन न्यूरोलॉजिकल समस्याओं को भी ठीक करता है। यह एंजाइटी को कम करने में बहुत मददगार होता है। साथ ही ब्लड प्रेशर भी लो रखता है। यह आपके नर्वस सिस्टम को रेगुलेट कर मिर्गी ठीक करने में एक महत्वपूर्ण भूमिक निभाता है।
4. हलासन
हलासन को प्लो पास भी कहा जाता है। यह शरीर को फ्लेक्सिबल बनाता है। गले की नसों में अकड़न दूर करने में सहायक होता है। इससे नसों और मसल्स का स्ट्रेस और टेंशन रिलीज होता है। हलासन का अभ्यास शरीर को आराम पहुंचाता है। यह नर्वस सिस्टम को शांत कर मिर्गी से निजात दिलाने के लिए काफी सहायक होता है। इससे मिर्गी आने की आशंका काफी हद तक कम होती है।
हलासन को प्लो पास भी कहा जाता है। यह शरीर को फ्लेक्सिबल बनाता है। गले की नसों में अकड़न दूर करने में सहायक होता है। इससे नसों और मसल्स का स्ट्रेस और टेंशन रिलीज होता है। हलासन का अभ्यास शरीर को आराम पहुंचाता है। यह नर्वस सिस्टम को शांत कर मिर्गी से निजात दिलाने के लिए काफी सहायक होता है। इससे मिर्गी आने की आशंका काफी हद तक कम होती है।
5. शीतली प्राणायाम
शीतली प्राणायाम नसों और मेंसपेशियों को शांत कर उन्हें आराम देता है। यह हाइपरटेंशन को दूर करने के लिए बहुत कारगर होता है। यह ब्लड प्रेशर को काम कर मिर्गी को ठीक करने में सहायक होता है। शीतली प्राणायाम शरीर में गर्मी को काम करता है और मन शीतल करता है। यह मेंटल स्ट्रेस को कम करने में बहुत मददगार होता है। जिससे मिर्गी के दौरों में कमी आती है।
शीतली प्राणायाम नसों और मेंसपेशियों को शांत कर उन्हें आराम देता है। यह हाइपरटेंशन को दूर करने के लिए बहुत कारगर होता है। यह ब्लड प्रेशर को काम कर मिर्गी को ठीक करने में सहायक होता है। शीतली प्राणायाम शरीर में गर्मी को काम करता है और मन शीतल करता है। यह मेंटल स्ट्रेस को कम करने में बहुत मददगार होता है। जिससे मिर्गी के दौरों में कमी आती है।
मिर्गी की समस्या दूर करने में लेख में दिए गए योगासन काफी फायदेमंद होते हैं। अगर आप मिर्गी के मरीज हैं तो ये योगासन अप के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है ।