सोते समय पसीना आने के 10 बड़े कारण निम्नलिखित हैं: बुखार
बुखार होने पर शरीर का तापमान बढ़ जाता है, जिससे पसीना आने लगता है। अगर आपको सोते समय बार-बार पसीना आता है, तो यह बुखार का संकेत हो सकता है। बुखार होने पर अन्य लक्षण भी हो सकते हैं, जैसे कि ठंड लगना, सिरदर्द, और थकान।
अतिसंवेदनशीलता
कुछ लोगों को कुछ खास खाद्य पदार्थों, दवाओं, या पर्यावरणीय कारकों के प्रति अतिसंवेदनशीलता होती है। इन चीजों के संपर्क में आने से उन्हें एलर्जी या असहिष्णुता की प्रतिक्रिया हो सकती है, जिसके कारण सोते समय पसीना आने लग सकता है।
कुछ लोगों को कुछ खास खाद्य पदार्थों, दवाओं, या पर्यावरणीय कारकों के प्रति अतिसंवेदनशीलता होती है। इन चीजों के संपर्क में आने से उन्हें एलर्जी या असहिष्णुता की प्रतिक्रिया हो सकती है, जिसके कारण सोते समय पसीना आने लग सकता है।
तनाव
तनाव भी सोते समय पसीना आने का एक कारण हो सकता है। जब हम तनाव में होते हैं, तो शरीर एड्रेनालाईन और कोर्टिसोल जैसे हार्मोन छोड़ता है, जो पसीना आने का कारण बन सकते हैं।
तनाव भी सोते समय पसीना आने का एक कारण हो सकता है। जब हम तनाव में होते हैं, तो शरीर एड्रेनालाईन और कोर्टिसोल जैसे हार्मोन छोड़ता है, जो पसीना आने का कारण बन सकते हैं।
मेनोपॉज
मेनोपॉज के दौरान महिलाओं में हार्मोनल परिवर्तन होते हैं, जो पसीना आने का कारण बन सकते हैं। मेनोपॉज के दौरान महिलाओं को रात में बार-बार पसीना आने की समस्या आम है।
मधुमेह
मधुमेह के रोगियों में रक्त शर्करा का स्तर असामान्य रूप से कम या अधिक हो सकता है। रक्त शर्करा का स्तर कम होने पर (हाइपोग्लाइसीमिया) भी सोते समय पसीना आने की समस्या हो सकती है।
मेनोपॉज के दौरान महिलाओं में हार्मोनल परिवर्तन होते हैं, जो पसीना आने का कारण बन सकते हैं। मेनोपॉज के दौरान महिलाओं को रात में बार-बार पसीना आने की समस्या आम है।
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अवटु ग्रंथि का बढ़ना
अवटु ग्रंथि थायराइड हार्मोन का उत्पादन करती है, जो शरीर के चयापचय को नियंत्रित करने में मदद करता है। अवटु ग्रंथि का बढ़ना (हाइपरथायरायडिज्म) भी पसीना आने का कारण बन सकता है।
अवटु ग्रंथि थायराइड हार्मोन का उत्पादन करती है, जो शरीर के चयापचय को नियंत्रित करने में मदद करता है। अवटु ग्रंथि का बढ़ना (हाइपरथायरायडिज्म) भी पसीना आने का कारण बन सकता है।
हृदय रोग
हृदय रोग के कुछ मामलों में, दिल शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंचा पाता है। इससे शरीर का तापमान बढ़ सकता है, जिससे पसीना आने लगता है। रक्तचाप की दवाएं
कुछ रक्तचाप की दवाएं भी सोते समय पसीना आने का कारण बन सकती हैं।
हृदय रोग के कुछ मामलों में, दिल शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंचा पाता है। इससे शरीर का तापमान बढ़ सकता है, जिससे पसीना आने लगता है। रक्तचाप की दवाएं
कुछ रक्तचाप की दवाएं भी सोते समय पसीना आने का कारण बन सकती हैं।
कैंसर
कुछ प्रकार के कैंसर, जैसे कि ल्यूकेमिया, लसीका प्रणाली के कैंसर, और फेफड़े का कैंसर, भी सोते समय पसीना आने का कारण बन सकते हैं। कुछ दवाएं
कुछ दवाएं, जैसे कि एंटीडिप्रेसेंट, एंटीसाइकोटिक्स, और दवाएं जो रक्तचाप को कम करती हैं, भी सोते समय पसीना आने का कारण बन सकती हैं।
सोते समय पसीना आने से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:
कुछ प्रकार के कैंसर, जैसे कि ल्यूकेमिया, लसीका प्रणाली के कैंसर, और फेफड़े का कैंसर, भी सोते समय पसीना आने का कारण बन सकते हैं। कुछ दवाएं
कुछ दवाएं, जैसे कि एंटीडिप्रेसेंट, एंटीसाइकोटिक्स, और दवाएं जो रक्तचाप को कम करती हैं, भी सोते समय पसीना आने का कारण बन सकती हैं।
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सोते समय पसीना आने से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:
– कमरे का तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से कम रखें।
– कॉटन के कपड़े पहनें।
– सोने से पहले कैफीन और अल्कोहल का सेवन कम करें।
– नियमित व्यायाम करें।
– तनाव कम करें।
अगर आपको सोते समय बार-बार पसीना आ रहा है, तो डॉक्टर से सलाह लें। डॉक्टर सही कारण का पता लगाकर उचित इलाज कर सकते हैं।
– कॉटन के कपड़े पहनें।
– सोने से पहले कैफीन और अल्कोहल का सेवन कम करें।
– नियमित व्यायाम करें।
– तनाव कम करें।
अगर आपको सोते समय बार-बार पसीना आ रहा है, तो डॉक्टर से सलाह लें। डॉक्टर सही कारण का पता लगाकर उचित इलाज कर सकते हैं।