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यह प्यार भरी कहानी है झारखंड के चतरा जिले की। हंटरगंज प्रखंड के पंडरी कला गांव में यह अनोखी शादी हुई जिसका गवाह पूरा गांव और समाज बंधू बने। हुआ यूं कि एक साल पहले पंडरी गांव निवासी बिरजू भुइयां ने अपने बेटे राजेश की शादी बाराचट्टी भीतघरवा गांव निवासी युवती से तय की थी। शादी की तारीख मई 2020 में तय की गई थी। कोरोना वायरस के कारण लगा लॉकडाउन मानों दूल्हा—दुल्हन के बीच दीवार बन गया हो। इस बीच दोनों की शादी नहीं हो पाई।
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लड़के और लड़की के बीच फोन पर लगातार बात होती रहती थी। युवती जब जुदाई नहीं सह पाई तो आखिरकार वह 2 अक्टूबर को लड़के के घर ही पहुंच गई। उसने वर पक्ष के समक्ष शादी का प्रस्ताव रखा। इस पर सभी राजी हो गए। गांव के मंदिर में ही दोनों की शादी कराई गई। गांव वालों ने वर वधू को आशीर्वाद दिया। सब कुछ अच्छे से निपट गया बस एक बात की कमी रह गई। इस शादी में लड़की वालों की तरफ से कोई मौजूद नहीं रह पाया। इस पर दुल्हन के मौसेरे भाई ने वहां पहुंचकर भाई के नाते सभी रस्मों को पूरा किया।