जरूरत से ज्यादा भीड़
हादसे की बड़ी वजह जरूरत से ज्यादा भीड़ का इकट्ठा हो जाना हो सकता है। बाबा का सत्संग खत्म होने के बाद भारी भीड़ बाहर निकलने के लिए उमड़ पड़ी। इस अनियंत्रित में लोग एक दूसरे से धक्कामुक्की करने लगे। आलम ये हुआ कि लोग गिरकर दबना शुरू हो गए। इसी में बाबा के काफिले ने और अफरा- तफरी मचा दी। यह भी पढ़ें
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बाबा के काफिले से बेकाबू हुई भीड़
सत्संग खत्म होने के बाद बाहर निकल रही भीड़ को एक हिस्से से बाबा का काफिला निकालने के लिए रोक दिया गया। अचानक से रास्ता रोक दिया गया तो भीड़ का दबाव बढ़ गया। इससे भीड़ के बीच भगदड़ मच गई।सड़क के बगल दलदल भरा खेत
सत्संग स्थल से दूसरी ओर सड़क से कुछ ही दूरी पर खेत के पास किनारे पर भयंकर दलदल है। भगदड़ में लोग इस कीचड़ में गिरते चले गए और वहां फंसने से उनकी मौत हो गई। दरअसल, बारिश की वजह से वहां पानी भरा हुआ था। जिस वजह से लोग उसमें फंस गए और आगे नहीं बढ़ पाए। यह भी पढ़ें
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प्रशासन की लापरवाही हो सकती है बड़ी वजह
हादसे में प्रशासन की लापरवाही भी सामने आ रही है। मौके पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं थे। बाबा के सत्संग में क्षमता से ज्यादा भक्त इकट्ठा हो गए थे। प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो सत्संग खत्म होने के बाद बाहर निकलने की जल्दबाजी में भगदड़ मची जो देखते ही देखते चीख पुकार में बदल गई। प्रशासनिक व्यवस्था लचर होने की वजह से भी भीड़ अनियंत्रित हो गई। आपको बता दें कि घटना के बाद सत्संग के सभी आयोजक लापता हैं। सत्संग के आयोजकों की तलाश में पुलिस जुटी हुई है। हाथरस हादसे पर भाजपा सांसद अरुण गोविल ने कहा, “हाथरस में जो भी हादसा हुआ है वो बहुत बड़ी दुर्घटना है और बहुत दुखद है। उसमें जिन लोगों की जानें चली गई हैं उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदना। जो घायल हैं वो जल्द से जल्द ठीक हो जाएं परमात्मा से मेरी यही कामना है।”