हाथरस

सपा में फिर मचा घमासान, इस सपा नेता ने थामा कांग्रेस का हाथ

आगरा के बाद हाथरस और सिकंदराराउ नगर पालिका में सपा के नेताओं के बीच टिकट को लेकर उठे बगावत के सुर।

हाथरसNov 04, 2017 / 10:40 am

suchita mishra

Nikay Chunav 2017

हाथरस। निकाय चुनाव में इच्छानुसार पार्टी से टिकट न मिलने पर कई प्रत्याशियों ने अपनी पार्टियों से बगावत शुरू कर दी है। हाथरस में भी इसकी शुरुआत हो गयी है। आगरा के बाद हाथरस और सिकंदराराऊ नगर पालिका में भी सपा के अंदर बगावत के सुर उठ खड़े हुए हैं।
सपा ने जैसे ही इस नगर पालिका सीट से सीमा देवी का टिकट फाइनल किया तो यहां के पूर्व चेयरमैनपति इकराम कुरैशी ने सपा से बगावत शुरू कर दी। बताया जा रहा है कि वे लंबे समय से अपने किसी करीबी को टिकट दिलाने के लिए प्रयासरत थे। कुछ ऐसा ही वाक्या हाथरस नगर पालिका में भी देखने को मिला। वहां सपा के पूर्व नगर अध्यक्ष शिव कुमार वार्ष्णेय ने सपा से नगर पालिका की अध्यक्ष प्रत्याशी की घोषणा न होने पर पार्टी से बगावत कर दी है। आक्रोशित होकर उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है।

कांग्रेस का थामा दामन
बताया जा रहा है कि नगर पालिका सिकंदराराऊ के पूर्व चेयरमैनपति इकराम कुरैशी एससी कोटे की महिला सभासद सरोज देवी को टिकट दिलाना चाह रहे थे, लेकिन सपा से जिला पंचायत सदस्य विजेंद्र सिंह जाटव की पत्नी सीमा देवी का टिकट फाइनल हुआ। सीमा देवी का नाम फाइनल होते ही इकराम कुरैशी ने हंगामा कर दिया। उनकी बागवत को देखते ही सपा जिलाध्यक्ष ने आनन फानन में पार्टी विरोधी गतिविधियों का हवाला देते हुए इकराम कुरैशी को 6 साल के लिए पार्टी से निष्काषित कर दिया। पार्टी से निष्काषित होते ही इकराम कुरैशी ने कांग्रेस का दामन थाम लिया।
मुस्लिम वोट पर पड़ सकता है असर
आपको बता दें कि सिकंदराराऊ नगर पालिका क्षेत्र में एक अच्छी संख्या में मुस्लिम मतदाता है, जो ज्यादातर सपा को चुनावी समय में लाभ पहुचाते हैं, लेकिन अब इकराम कुरैशी के सपा का साथ छोड़ने से यहां का मुसलमान किस तरफ झुकता है यह देखने की बात है क्योंकि की यहां की अध्यक्ष पद की सीट की जीत या हार में मुस्लिम वोटों का अहम योगदान रहता है।

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