सुप्रीम कोर्ट के वकील विशाल तिवारी ने याचिका दाखिल की है। याचिकाकर्ता एडवोकेट विशाल तिवारी ने घटना की व्यापक जांच के लिए पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति के गठन की मांग की है। उन्होंने इस मामले में दोषियों और अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की भी मांग की है। याचिका न केवल जवाबदेही की मांग की है, बल्कि ऐसे समारोह के आयोजनों के लिए एक गाइडलाइन बनाने की मांग भी की गई है।
इसके अलावा, याचिकाकर्ता ने बड़े आयोजनों के लिए सख्त दिशा-निर्देशों की स्थापना की भी मांग की है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
इलाहाबाद हाईकोर्ट में दायर हुई याचिका
इसी बीच इलाहाबाद हाई कोर्ट में भी एक अलग जनहित याचिका दायर की गई है, जिसमें इस घटना की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो यानी CBI द्वारा जांच की मांग की गई है। इन कानूनी कार्रवाइयों के बीच उत्तर प्रदेश पुलिस ने भी मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने आयोजकों के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज कर लिया है। जिसमें लिखा गया है कि आयोजकों के पास 80,000 लोगों की अनुमति थी, लेकिन भीड़ 250,000 से अधिक हो गई। जिससे यह हादसा हुआ। शिकायत में यह भी आरोप है कि आयोजकों ने पीड़ितों की मदद नहीं की और घटना के बाद सबूत नष्ट करने का प्रयास किया गया। वहीं, हादसे के बाद बाबा नारायण हरि उर्फ साकार विश्व हरि ‘भोले बाबा’ फरार हैं। भोले बाबा को गिरफ्तार करने के लिए यूपी पुलिस तलाश कर रही है।
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