यह भी पढ़ें- अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर बेटियों को यूपी सरकार देगी कई तोहफे गौरतलब हो कि हाथरस जिले के चंदपा थाना क्षेत्र के एक गांव में बीते 14 सितंबर 2020 को अनुसूचित जाति की लड़की संग वारदात को अंजाम दिया गया था। सामूहिक दुष्कर्म के बाद बिटिया की दो सप्ताह बाद दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई थी। इसके बाद पुलिस और प्रशासन ने आनन-फानन में आधी रात को ही बिटिया के शव का अंतिम संस्कार करवा दिया था। बिटिया से गैंगरेप और हत्या का आरोप उसी गांव के चार युवकों लवकुश, संदीप, रामू और रवि पर है। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए बिटिया के दम तोड़ने से पहले चारों आरोपियों को सलाखाें के पीछे पहुंचा दिया था।
बिटिया की मौत के बाद आधी रात अंतिम संस्कार करने के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया था। इसके बाद देशभर में लोगों ने प्रदर्शन कर आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग की थी। विपक्ष की घेराबंदी को देख सीएम योगी ने एसआईटी का गठन कर मामले की जांच सौंपी थी, लेकिन इससे भी बात नहीं बनी तो सीबीआई को जांच सौंपी गई। सीबीआई ने 67 दिन बाद चारों आरोपियाें के खिलाफ आरोप पत्र एससी-एसटी एक्ट की विशेष अदालत में दाखिल किया था। आरोप पत्र में धारा 376ए, 376 डी, 376, 302 आईपीसी और 3(2)(5) एससी-एसटी एक्ट लगाई गई थी।
बता दें कि हाथरस कांड में तीन आरोपी लवकुश, रवि और रामू अपनी जमानत के लिए अदालत में अर्जी भी दाखिल कर चुके हैं, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था। हालांकि अभी तक संदीप ने जमानत के लिए याचिका नहीं लगाई है। बताया जा रहा है कि पिछली तारीख पर कोर्ट में आरोपियों पर आरोप तय करने को लेकर बहस हुई थी, लेकिन पूरी नहीं हो पाई थी। गुरुवार को कड़ी सुरक्षा के बीच चारों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया। इस दौरान बहस के बाद कोर्ट ने चारों आरोपियों के खिलाफ उन्हीं धाराओं में आरोप तय किए, जिनमें सीबीआई ने आरोप पत्र दाखिल किया था। इसके साथ ही अदालत ने इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 2 मार्च की तारीख दी है।
आरोपियों से मिलने के लिए डटे रहे परिजन बता दें कि हाथरस कांड की सुनवाई के दौरान कोर्ट परिसर को पूरी तरह छावनी में तब्दील कर दिया गया था। आरोपियों के परिवार के लोग भी उनसे मिलने के लिए सुबह से ही कोर्ट के बाहर खड़े नजर आए, लेकिन पुलिस अलीगढ़ जेल से लेकर सीधे कोर्ट पहुंची और सुनवाई के बाद वापस जेल ले गई। इस दौरान किसी को भी आरोपियों से मिलने नहीं दिया गया। सुनवाई के दौरान बिटिया के भाई और भाभी भी सीआरपीएफ की सुरखा में कोर्ट पहुंचे।