यह भी पढ़ें- ‘हाथरस कांड में कांग्रेस ने लगाई चिंगारी, करौली में साधु की हत्या पर राहुल-सोनिया चुप क्यों’ बता दें कि योगी सरकार के आदेश पर मामले की जांच कर रही एसआईटी ने कुछ अहम बयान और तथ्य जुटाए हैं। एसआईटी इस मामले में पीड़ित परिजनों के साथ उन 40 लोगों के बयान भी दर्ज कर चुकी है, जो 14 सितंबर को खेतों के आसपास काम कर रहे थे। वहीं, मामले में हाईकोर्ट भी दखल दे चुका है। हाईकोर्ट में साेमवार को पीड़ित पक्ष के बयान दर्ज किए जाएंगे। अब सीबीआई की जांच के बीच लोगों के जेहन में कुछ ऐसे सवाल हैं, जिनका अभी तक किसी के पास भी जवाब नहीं है।
इन सवालों के जवाब ढूंढने हाेंगे सीबीआई को हाथरस केस में सबसे पहला सवाल तो यह है कि 14 सितंबर को खेत में युवती को आखिर किसने मारा था? वहीं, दूसरा सवाल यह है कि युवती ने पहले दिन दिए बयान में कथित दुष्कर्म की बात क्यों नहीं बताई? एक बड़ा सवाल ये भी है कि युवती ने अपने आखिरी बयान में दुष्कर्म की बात कही तो मेडिकल रिपोर्ट में इसकी पुष्टि क्यों नहीं हुई? वहीं, एक सवाल हाथरस पुलिस और प्रशासन पर भी उठ रहा है कि आखिर 29 सितंबर को पीड़िता की मौत के बाद आधी रात के बाद अंधेरे में शव क्यों जलाया गया? ये ऐसे सवाल हैं, जिनके जवाब सीबीआई को ढूंढने होंगे।
पीड़ित परिवार को नहीं सीबीआई पर भरोसा योगी सरकार की सिफारिश पर हाथरस केस में सीबीआई जांच तो शुरू हो गई है, लेकिन पीड़ित परिवार को सीबीआई की जांच पर भी भरोसा नहीं है। पीड़ित परिवार का कहना है कि उसे सिर्फ न्यायिक जांच पर ही भरोसा है। जबकि यह वही पीड़ित परिवार है जिसने शुरू में पुलिस और एसआईटी की जांच पर भरोसा जताया था। फिलहाल सीबीआई ने जांच की जिम्मेदारी संभाल ली है, लेकिन विरोध के बीच उसके लिए जांच आसान नहीं होगी।