कोर्ट ने 16 दिसंबर को ही सुनवाई की अगली तारीख 27 जनवरी तय कर दी थी। कोर्ट ने उस दिन हाथरस के जिलाधिकारी प्रवीण कुमार और एसपी रहे विक्रांत वीर को तलब किया है। तब पीड़ित परिवार भी कोर्ट में मौजूद होगा। हालांकि, अभी तक कोर्ट ने पीड़ित परिवार को मकान और नौकरी देने के बारे में कोई आदेश नहीं दिया गया है। पीड़ित परिवार की वकील सीमा कुशवाहा ने कहा- पीड़ित परिवार को कंपनसेशन दिलाने की जिम्मेदारी हाथरस डीएम की थी, लेकिन अब तक कुछ भी नहीं हुआ।
14 सितंबर को 19 वर्षीय दलित लड़की के साथ हाथरस के एक गांव में ऊंची जाति के लड़कों ने कथित गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया था। घटना के वक्त युवती अपनी मां के साथ खेत में चारा लेने गई थी। आरोप है कि संदीप, लवकुश, रवि और रामू दलित लड़की के साथ न केवल रेप किया बल्कि फरार होने से पहले क्रूरता की सभी हदें पार करते हुए युवती को बेरहमी से मारा पीटा और उसका पैर तोड़ दिए। प्राथमिक इलाज करने वाले डॉक्टरों ने बताया कि युवती की गर्दन को क्रूरता के साथ मरोड़ा गया था। उसके निचले हिस्से ने काम करना बंद कर दिया था। इसके बाद उसे सांस लेने में तकलीफ होने लगी। तब पीडि़ता को दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां 29 सितंबर को उसकी मौत हो गई थी।
मौत के बाद हाथरस जिला प्रशासन ने आधी रात को ही 30 सितंबर को लड़की के शव का भारी पुलिस बल की मौजूदगी में जबरन अंतिम संस्कार कर दिया था। इसे लेकर पुलिस को काफी आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा था। हालांकि, अधिकारियों ने कहा था कि “परिवार की इच्छा के अनुसार” अंतिम संस्कार किया गया। अक्टूबर में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआइ द्वारा की जा रही जांच की निगरानी इलाहाबाद हाईकोर्ट करेगा। मामले ने जब तूल पकड़ा तब यूपी सरकार ने केस सीबीआइ को जांच के लिए सौंप दिया था। सीबीआइ बीते दो महीने से मामले की जांच में जुटी थी।
अब सीबीआइ टीम ने पीड़िता के भाई को फोरेंसिक साइक्लॉजिकल टेस्ट के लिए गुजरात ले जाने का फैसला किया है, जहां उसका साइक्लॉजिकल असेस्मेंट कराया जाएगा। हाथरस कांड के चारों आरोपितों के इसके पहले गांधीनगर में पॉलीग्राफ टेस्ट हो चुका है। सीबीआइ गांव में मृतका के भाई और घटना स्थल वाले खेत के मालिक का पॉलीग्राफ कराने के प्रयास में है। अभी तक दोनों इंकार कर रहे हैं।
संदीप, लवकुश, रवि और रामू आरोप-
रेप और हत्या के साथ, छेड़छाड़ एससी/एसटी एक्ट के तहत भी आरोप इन धाराओं में मुकदमा किया दर्ज-
325 एससी एसटी एक्ट और आईपीसी की धारा 354 व 376ए, 376 डी व 302 के तहत मामला दर्ज