हाथरस कोतवाली के गांव नगला अलगर्जी निवासी बांकेलाल श्रमिक है। बताया गया है कि गांव का हरने वाला उमेश जो दो बच्चों का पिता है, वो बांकेलाल की 23 वर्षीय पुत्री कीर्ति को काफी दिन से परेशान कर रहा था। शादीशुदा होने के बाद भी वह कीर्ति के प्यार में पागल था। कीर्ति द्वारा इस बात का विरोध किया गया, तो वह गुस्से से आग बबूला हो गया।
कीर्ति के इंकार से गुस्साया उमेश शुक्रवार रात उसके घर में घुस आया। कीर्ति चारपाई पर सो रही थी। उमेश ने मिट्टी का तेल डालकर उसमें आग लगा दी, जिससे वह गंभीर रूप से झुलस गई। इसके बाद उमेश वहां से भाग गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने उसे उपचार के लिए जिला अस्पताल भिजवाया। वहां से उसे अलीगढ़ भेज दिया गया, लेकिन वहां से भी उसे रेफर कर दिया गया तो परिजन फिर हाथरस जिला अस्पताल ले आए। शनिवार की सुबह उसे हाथरस से फिर आगरा रेफर कर दिया गया। आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज ले जाने के रास्ते में कीर्ति ने दम तोड़ दिया। पुलिस ने उसके शव का पोस्टमार्टम कराया। पुलिस ने पीड़ित पिता की तहरीर के आधार पर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।