( Claim ) गांव वालों ने किए और भी खुलासे
( Hathras News ) ग्रामीणों के अनुसार बाबा के सत्संग में हर जगह महिलाओं की भागीदारी पुरुषों से ज्यादा रहती है। ऐसा क्यों होता है ? इस सवाल पर ग्रामीणों ने हैरान कर देने वाली बातें मीडियाकर्मियों के बताई। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ग्रमीणों ने बताया कि सूरजपाल उर्फ बाबा के दरबार में महिलाएं रूपक बनकर आती थी। इसके बाद बाबा उनके बीच में कन्हैयान बनकर नाचता था। बाबा के पड़ोसी गांव की महिलाओं के अनुसार बाबा के पास एक अनोखा मोहनी मंत्र है। इस मंत्र के जरिए जो भी महिलाएं बाबा से एक बार मिल लेती थी फिर बार-बार आती थी। पड़ोसी गांव के रहने वाले महेन्द्रपाल ने भी बाबा सूरजपाल के इस चरित्र पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाए हैं और कहा है कि ”मैने देखा था सूरजपाल से मिलने एक से बढ़कर एक सुंदर महिलाएं आती थी। बताया कि मथुरा की तर्ज पर बाबा के यहां रासलीला होती थी। एक के बाद एक गाड़ियों से महिलाएं आती रहती थी। 15 अगस्त को जन्माष्टमी पर बाबा कन्हैया बनकर झूला झूलते थे और महिलाएं उन्हे झुलाने के लिए आती थी।
( Hathras News ) सत्संग में आगे बैठने के लिए बुलाई जाती थी खूबसूरत लड़कियां
ग्रामीणों ने ये भी बताया कि बाबा के सत्संग में महिलाएं सबसे आगे रहती हैं। सत्संग और अन्य कार्यक्रमों के लिए बाहर से लड़कियां बुलाई भी जाती थी। ये लडकियां गोपियां बनकर बाबा के आस-पास नाचती थी। ग्रामीणों का यह भी दावा है कि बाबा के साथ लड़कियों की गाड़ियां हमेशा रहती थी। ग्रामीणो के अनुसार जो भी मिलने आते हैं उनमें केवल 20 प्रतिशत ही पुरुष होते हैं सर्वाधिक महिलाएं ही होती हैं।