यह भी पढ़ें
Shakti Sadan: उत्तर प्रदेश के 10 जिलों में बेटियों को मिलेगा रहने का मुफ्त आश्रय: योगी सरकार की नई पहल
क्या है पूरा मामला?
एसडीएम अरुणिमा श्रीवास्तव पर आरोप है कि सवायजपुर में तैनाती के दौरान उन्होंने राजस्व न्यायालय में चल रहे मुकदमों की पत्रावलियों में हेरफेर की। इसके चलते कई मामलों में न्याय प्रक्रिया प्रभावित हुई। उनकी संदिग्ध गतिविधियों के चलते उनका एक कथित ऑडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें उनके व्यवहार और कार्यशैली को लेकर सवाल उठाए गए थे। जिलाधिकारी हरदोई मंगला प्रसाद सिंह ने अपनी विस्तृत जांच रिपोर्ट में इन आरोपों की पुष्टि की। उनकी रिपोर्ट नियुक्ति विभाग को भेजी गई, जिसके आधार पर एसडीएम अरुणिमा श्रीवास्तव के खिलाफ कार्रवाई की गई।जांच की जिम्मेदारी आईएएस रौशन जैकब को सौंपी गई
नियुक्ति विभाग ने इस मामले की जांच का जिम्मा लखनऊ मंडल की कमिश्नर आईएएस रौशन जैकब को सौंपा है। आईएएस रौशन जैकब को प्रशासनिक मामलों में सख्त और निष्पक्ष जांच करने के लिए जाना जाता है। उनसे अपेक्षा की जा रही है कि वे इस मामले में विस्तृत जांच कर दोषियों पर कार्रवाई सुनिश्चित करेंगी। सस्पेंशन का प्रभाव: एसडीएम अरुणिमा श्रीवास्तव का निलंबन न केवल प्रशासनिक स्तर पर बल्कि राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर भी चर्चा का विषय बन गया है। यह मामला सरकारी अधिकारियों के कामकाज और ईमानदारी को लेकर उठ रहे सवालों को और गहरा कर रहा है।
यह भी पढ़ें
Mahakumbh Special Trains: Lucknow के रास्ते 4 राज्यों की चलेंगी मेला स्पेशल ट्रेनें: देखें पूरी जानकारी
ऑडियो वायरल होने से बढ़ा विवाद: इस मामले की शुरुआत तब हुई जब सवायजपुर में तैनाती के दौरान एसडीएम अरुणिमा श्रीवास्तव का एक कथित ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इस ऑडियो में वह आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करती हुई और अपने पद का दुरुपयोग करती हुई सुनाई दीं। यह ऑडियो सार्वजनिक होते ही मामले ने तूल पकड़ा और उनके खिलाफ जांच की मांग तेज हो गई। डीएम की रिपोर्ट और कार्रवाई: जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने इस मामले में गहन जांच के बाद अपनी रिपोर्ट में एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की थी। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि राजस्व न्यायालय के मामलों में छेड़छाड़ और कार्यशैली में अनियमितता के कारण न्याय प्रक्रिया बाधित हुई।
सरकार की सख्ती: उत्तर प्रदेश सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया और तुरंत एसडीएम को निलंबित कर दिया। यह कार्रवाई यह संदेश देती है कि सरकारी अधिकारियों को उनके पद का दुरुपयोग करने का मौका नहीं दिया जाएगा।
यह भी पढ़ें