पूरे बवाल के पीछे बड़े बाल बंदियों द्वारा कम उम्र के बन्दियों के साथ यौन शोषण की बात सामने आ रही है। सामने आया है कि हरदोई के बाल बंदी गृह में छोटे और बड़े दोनों बाल बंदी रखे जाते हैं, जहां बड़े बच्चों द्वारा छोटे बच्चों का यौन उत्पीड़न की कोशिश की जाती है, जिसके चलते ये खूनी संघर्ष हुआ है। मामले में नशेबाजी के साथ बाल सुधार गृह में तैनात कर्मचारियों की लापरवाही और धन उगाही के साथ जिम्मेदारों की बेखबरी भी प्रथम द्रष्टया लग रही है।
एडीएम बोले- मामले की मजिस्ट्रेटी जांच होगी
एडीएम विमल कुमार अग्रवाल ने पूरे मामले में मजिस्ट्रेटी जांच की बात कही है और बाल सुधार गृह के अधीक्षक की लापरवाही को प्रथम दृष्टया जिम्मेदार माना है।
एडीएम विमल कुमार अग्रवाल ने पूरे मामले में मजिस्ट्रेटी जांच की बात कही है और बाल सुधार गृह के अधीक्षक की लापरवाही को प्रथम दृष्टया जिम्मेदार माना है।
शनिवार को हुआ था खूनी संघर्ष
शनिवार देर रात हरदोई के बाल सुधार गृह में बंदियों के दो गुटों में खूनी संघर्ष शुरू हो गया, जिसमें दर्जन भर से अधिक बंदी घायल हुए थे। सूचना पर एसपी विपिन कुमार मिश्र पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और बिगड़ते हालातों पर काबू पाया। पुलिस ने सभी घायल बाल कैदियों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। एसपी ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है।
शनिवार देर रात हरदोई के बाल सुधार गृह में बंदियों के दो गुटों में खूनी संघर्ष शुरू हो गया, जिसमें दर्जन भर से अधिक बंदी घायल हुए थे। सूचना पर एसपी विपिन कुमार मिश्र पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और बिगड़ते हालातों पर काबू पाया। पुलिस ने सभी घायल बाल कैदियों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। एसपी ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है।
पहले भी हो चुका है बवाल
कुछ समय पहले ही हरदोई के बाल सुधार गृह में बड़ा बवाल हुआ था। तब बाल बन्दियों ने बन्दी रक्षकों की राइफलें छीन कर घण्टों फायरिंग करते हुए उपद्रव किया था। उस वक्त भी बाल सुधार गृह प्रशासन पर गंभीर आरोप लगे थे, जिस पर जिला प्रशासन ने कड़ी कार्यवाही भी की थी। इसके बाद भी जिम्मेदार इस ओर नियमित निरीक्षण और संवेदनशीलता और व्यवस्था के प्रति सजग नहीं है, जिसके कारण एक बार फिर यह बड़ी घटना हो गई।
कुछ समय पहले ही हरदोई के बाल सुधार गृह में बड़ा बवाल हुआ था। तब बाल बन्दियों ने बन्दी रक्षकों की राइफलें छीन कर घण्टों फायरिंग करते हुए उपद्रव किया था। उस वक्त भी बाल सुधार गृह प्रशासन पर गंभीर आरोप लगे थे, जिस पर जिला प्रशासन ने कड़ी कार्यवाही भी की थी। इसके बाद भी जिम्मेदार इस ओर नियमित निरीक्षण और संवेदनशीलता और व्यवस्था के प्रति सजग नहीं है, जिसके कारण एक बार फिर यह बड़ी घटना हो गई।
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