उन्होंने कहा कि जो बच्चे अति कुपोषित हैं, उन्हें कुपोषण केन्द्र पर भर्ती कराना आवश्यक है। इसके लिए संबंधित अधिकारी क्षेत्र के एमओआईसी, एएनएम, आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ती के माध्यम से उन बच्चों को कुपोषण केन्द्र पर भर्ती करायें। उन्होंने कहा कि कुपोषण को एक मिशन की तरह नहीं, बल्कि अपना धर्म एवं दायित्व समझ कर पूरा करें। जिलाधिकारी ने कहा कि गांव में जिन परिवारों में अधिक बच्चे हैं। उनमें से कुछ बच्चे कुपोषित हैं तो ऐसे घर की गर्भवती महिलाओं पर भी अधिकारी ध्यान रखें, क्योंकि कुछ बच्चे जन्म से कुपोषित पैदा होते हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद के बच्चों को कुपोषण से बचाना हम सब की जिम्मेदारी है, इस लिए सभी को गम्भीरता से लोगों में जागरूकता फैलानी होगी।
बैठक में डीएफओ, डिप्टी सीएमओ विजय कुमार सिंह, उप निदेशक कृषि आशुतोष कुमार मिश्र, उपायुक्त उद्योग लाल जीत सिंह, सहायक निदेशक सूचना कुमकुम शर्मा, जिला कृषि अधिकारी डॉ विनोद कुमार यादव, खादी ग्रामोउद्योग अधिकारी,जिला कार्यक्रम अधिकारी, जिला उद्यान अधिकारी सहित अन्य अधिकारी एवं एमओआईसी आदि मौजूद रहे।