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हरदोई

पूर्व सांसद ने घर लौटते ही बढ़ाई बीजेपी की टेंशन, 2019 में इस लोकसभा सीट से मांगा टिकट

दो बार सांसद रहे जय प्रकाश रावत ने एक लंबे अरसे के बाद भाजपा में घर वापसी की है…

हरदोईApr 10, 2018 / 12:50 pm

नितिन श्रीवास्तव

BJP leader Jai Prakash Rawat demand ticket from Hardoi Lok Sabha seat

पूर्व सांसद ने घर लौटते ही बढ़ाई बीजेपी की टेंशन, 2019 में इस लोकसभा सीट से मांगा टिकट

हरदोई. यूपी के हरदोई में लोकसभा चुनाव को लेकर अभी से सरगर्मियां शुरू हो गई हैं। सियासी गणित के हिसाब से भले ही अभी लोकसभा चुनावों में करीब एक साल का समय बचा है। लेकिन यह सभी मानते हैं कि साल 2018 लोकसभा चुनावों की नजर से चुनावी साल है। जिसके चलते विभिन्न दलों से चुनाव लड़ने के इच्छुक राजनीतिक लोगों का दल बदल और दिल बदल होने का सिलसिला काफी तेज हो चुका है।
लंबे समय बाद घर वापसी

हरदोई सदर सीट से भारतीय जनता पार्टी से दो बार सांसद रहे जयप्रकाश रावत ने एक लंबे अरसे के बाद एक तरह से घर वापसी की है। बीजेपी में शामिल होते ही उन्होंने हरदोई लोकसभा सीट से टिकट के लिए भी दावा ठोंका है। उन्होंने इसके लिए एक फेसबुक पोस्ट भी की है। भाजपा से जाने और फिर वापस आने की बीच की लंबी अवधि में वह लखनऊ के मोहनलालगंज से भी सांसद रहे और उन का सियासी सफर सपा और बसपा में भी रहा। जयप्रकाश रावत 2014 के लोकसभा चुनाव में ही वह घर वापसी करना चाहते थे लेकिन जब नहीं हो सकी तो उन्होंने सपा की टिकट पर मिश्रिख लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा जोकि हरदोई जिले से भी संबंधित है, हालांकि वह यहां से चुनाव हार गए।
BJP leader Jai Prakash Rawat demand ticket from Hardoi Lok Sabha seat
 

दल बदलने में महारथी

1991 की राम लहर में पहली बार हरदोई से भाजपा सांसद बने जयप्रकाश रावत को सत्ता का साथ और दल बदलने में महारथ हासिल है। जब भाजपा उत्तर प्रदेश में सत्ता का वनवास काट रही थी, तब जयप्रकाश रावत भाजपा को छोड़कर सपा और बसपा की सत्ता में राजनीति कर लखनऊ के मोहनलाल गंज से लोकसभा पहुंचते रहे। साथ ही उन्नाव जिले से अपनी पत्नी ज्योति रावत को जिला पंचायत अध्यक्ष के पद पर पदासीन कराए रहे। पिछले लोकसभा चुनाव में जब भाजपा ने उत्तर प्रदेश में जबरदस्त तरीके से वापसी की और जय प्रकाश रावत मिश्रिख हरदोई सीट से सपा के टिकट पर चुनाव हार गए, तो उनका अपने पहले राजनीतिक घर भाजपा के प्रति झुकाव जागृत होने लगा। उन्होंने विधानसभा चुनाव से पहले ही भाजपा में आने के संकेत दिए थे और यह संकेत भाजपा को प्रदेश में प्रचंड बहुमत से बनी सरकार ने पूरा कर दिया और तभी से जयप्रकाश रावत का भाजपा में वापस आना तय माना जा रहा था।
बनेगा नया सियासी गणित

सत्ता का साथ और दल बदल करने के मामले में जय प्रकाश रावत अपने पुराने मित्र हरदोई जिले के राज्यसभा सांसद नरेश अग्रवाल के कभी बेहद करीबी रहे हैं। जय प्रकाश रावत का भी सत्ता प्रेम और दलबदल किसी से छिपा नहीं है। जिस तरीके से अभी कुछ दिन पहले नरेश अग्रवाल ने अपने परिवार सहित सपा छोड़कर भाजपा का दामन थामा था उससे हरदोई में दलबदल का सिलसिला और बढ़ना तय माना जा रहा था। इस कड़ी में पूर्व सांसद जयप्रकाश रावत का और पूर्व सांसद अशोक रावत का भाजपा में शामिल होना हरदोई में नए सियासी गणित बना रहा है।

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