हरदा

कंट्रोल पैनल पर मैसेज मिलने पर रूका ट्रेन हादसा

टूटी पटरी, पंजाबमेल से लेकर अन्य छह ट्रेनें घंटों हुईं लेट

हरदाSep 28, 2018 / 12:25 pm

sanjeev dubey

कंट्रोल पैनल पर मैसेज मिलने पर रूका ट्रेन हादसा

हरदा. आज यदि स्टेशन मास्टर के रूम में लगे कंट्रोल पैनल में रेलवे लाइन के पाइंट फेल का मैसेज नहीं मिल पाता तो बड़ा ट्रेन हादसा हो जाता। समय पर रेलवे के अधिकारियों के मौके पर पहुंचने से जनहानि होने से बच गई। रेलवे लाइन के पाइंट के बस्र्ट होने के पीछे स्टेशन मास्टर, ट्रेन ड्राइवर और गार्डको माना जा रहा है। लगभग सात घंटे तक अधिकारियों ने खड़े रहकर रेलवे लाइन के पाइंट को बदलवाया। इस दौरान करीब छह ट्रेनें घंटों लेट हुईं। वहीं तीन घंटे रेलवे गेट बंद रहने से वाहनों का जाम लगा रहा। घटना की सूचना मिलते ही भोपाल रेलवे मंडल में खलबली मच गई। लोको फोरमेन के अधिकारियों ने हरदा आकर जिम्मेदारों के बयान दर्जकिए।
मालगाड़ी को शटिंग करने में बस्र्टहुआ पाइंट
जानकारी के अनुसार डाउन ट्रैक पर सुबह लगभग ५.४५ बजे झेलम एक्सप्रेस इटारसी की तरफरवान होने के बाद स्टेशन मास्टर ने पुराने मालगोदाम पर लोडिंग होने आईमालगाड़ी को खड़ी करने के लिए शटिंग के आदेश दिए। जिस पर पाइंट्समैन और ट्रेन के ड्राइवर, गार्ड ने गाड़ी को रेलवे डबल फाटक की तरफ ट्रैक पर ले गए। किंतु रेलवे लाइन के पाइंट क्रमांक ११६ का क्लेम नहीं जोड़ा गया। इसके चलते सुबह लगभग ६.५५ बजे ट्रेन के शटिंग करने के दौरान पाइंटबस्र्ट होकर टूट गया। ड्राइवर मालगाड़ी को ले जाकर रैक पाइंटपर खड़ा किया। किंतु इसी बीच स्टेशन मास्टर के रूम में लगे पैनल पर पाइंट बस्र्टहोने और फेल होने का मैसेज आया। स्टेशन मास्टर ने तुरंत सिग्नल विभाग के कर्मचारी को इसकी सूचना दी। उन्होंने वहां जाकर देखा तो पाइंट टूटा हुआ मिला।
पंजाबमेल को डेढ़ अन्य ट्रेनों को आधा घंटे रोका
रेलवे पाइंट बस्र्टहोने की जानकारी लगते ही हरदा की तरफ आने वाली ट्रेनों को पलासनेर, मसनगांव व अन्य स्टेशनों पर ही रोका गया। यदि इन ट्रेनों को टूटे पाइंट से निकाला जाता तो ट्रेन हादसा हो सकता था। इसी बीच साढ़े 6 बजे पंजाबमेल पलासनेर रेलवे स्टेशन से निकल चुकी थी, जिसे पटरारी पुल के आगे होम सिग्नल पर रोक दिया गया। लगभग डेढ़ घंटे तक पंजाबमेल को खड़ा रखा गया। सुबह साढ़े 7 बजे इंजीनियरिंग, सिग्नल विभाग के अधिकारी, कर्मचारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने अस्थायी तौर पर पाइंट को ठीक किया। इसके बाद ट्रेन को 30 की रफ्तार से रेलवे स्टेशन पर ले जाया गया। इसके अलावा पनवेल सुपर फॉस्ट, हावड़ा मेल, जनता एक्सप्रेस, पठानकोट और हैदराबाद-अजमेर को भी करीब आधा-आधा घंटे होम सिग्नल पर खड़ा किया गया। प्रत्येक टे्रन को आगे लाने के दौरान पाइंट्समैन ट्रेनों के इंजन पर सवार होकर घटनास्थल आया, ताकि ड्राइवर ट्रेन की गति अधिक न रखे।
तीन घंटे बंद रहा रेलवे गेट, लगा रहा जाम
रेलवे लाइन के पाइंट टूटने के बाद हरदा की तरफआने वाली ट्रेनों को रोकने के साथ ही रेलवे गेट को बंद रखा गया, ताकि कोईहादसा न हो जाए। सुबह लगभग साढ़े 8 से साढ़े 10 बजे तक फाटक को बंद रखा गया। इसकी वजह से गेट के दोनों तरफ यात्री बसें, ट्रक व अन्य वाहनों की दो किमी क्षेत्र में कतारें लग गईं। कुछ ट्रेनों के निकलने के बाद गेट को खोला गया। घटना की जानकारी लगते ही यातायात व्यवस्था को संभालने के लिए आरपीएफ और ट्रैफिक थाने के जवान मौके पर पहुंचे।
आठ घंटे में बदली साढ़े 12 मीटर की रेल लाइन
बस्र्ट हुए रेलवे लाइन के पाइंट को बदलने के लिए वैसे तो सुबह साढ़े 7 बजे से काम शुरूहो गया था। सिग्नल और इंजीनियरिंग विभाग के कर्मचारी जुट गए थे, किंतु सुबह मुंबईसे इटारसी की तरफ जाने वाली ट्रेनों की आवाजाही जारी रहने से काम करने में दिक्कतें आईं। दोपहर लगभग 2 से साढ़े ४ बजे तक रेलवे अधिकारियों ने ब्लाक लेकर 12 मीटर की रेल लाइन के पाइंट को बदला। कार्यकरने में सुबह से लेकर शाम तक करीब आठ घंटे लगे।

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