विभाग के पास दवाइयां हैं, लेकिन टीके के डोज खत्म हो गए हैं। जानकारी के मुताबिक, जिले में गोवंशीय और भैंसवशीय लगभग 1 लाख 75 हजार हैं। पिछले दिनों पशु विभाग की टीम ने जिले के 100 गांवों में पशुओं की जांच की थी, जिसमें 550 मवेशी लंपी वायरस से ग्रस्त मिले थे, जिनका इलाज शुरू करने पर कुछ स्वस्थ हो गए हैं, लेकिन देरी से इलाज शुरू होने वाले मवेशी इलाज के बावजूद ठीक नहीं हो रहे हैं। ऐसी स्थिति में आने वाले दिनों में पशुओं की मौत की संख्या बढ़ने की आशंका है। जिले में अभी तक लंपी बीमारी से चार मवेशियों की मौत हो चुकी है।
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विभाग के पास नहीं बचे वैक्सीन के डोज
लंपी बीमारी से पशुओं को बचाने के लिए शासन ने पशु चिकित्सा सेवाएं विभाग को 8 हजार वैक्सीन के डोज भेजे थे, जिसे विभाग ने लगा दिए हैं। वहीं, गोशाला और जन सहयोग से 3502 मवेशियों को टीके लगाए गए हैं। इस तरह जिले में 11, 500 मवेशियों को टीके लगाए जा चुके हैं। लेकिन, अब विभाग के पास डोज नहीं बचे हैं। ऐसी स्थिति में पशुओं को लंपी बीमारी से बचाने में विभाग को परेशानी हो रही है।
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इनका कहना है
हरदा पशु चिकित्सा सेवा विभाग के सर्जन डॉ. हरिओम पाटिल का कहना है कि, जिले के 100 गांवों में 550 मवेशी लंपी वायरस से बीमार हुए हैं, जिन्हें इलाज दिया जा रहा है। कुछ स्वस्थ हो गए हैं। देरी से इलाज शुरू होने वाले पशुओं की हालत गंभीर है। अभी तक जिले में चार पशुओं की लंपी बीमारी से मौत हुई। है। मवेशियों का टीकाकरण करने के लिए शासन से 80 हजार वैक्सीन के डोज मांगे गए हैं।
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