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हरदा में हुए भीषण ब्लास्ट और उसमें कई मौतों की घटना पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रेसीडेंट द्रोपदी मुर्मू ने भी दुख व्यक्त किया है। इधर राज्य सरकार हादसे में घायलों के इलाज की व्यवस्थाएं जुटाने में लगी है। सीएम मोहन यादव ने हादसे में मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपए का मुआवजा देने की घोषणा की है।
जिस अवैध पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट हुआ, उसके बारे में नई जानकारी सामने आई है। इस फैक्ट्री को प्रशासन बंद कर चुका था पर इसके बाद भी अपने राजनैतिक संबंधों के बल पर कारखाने का मालिक यहां मजदूरों से काम करा रहा था। इस अवैध फैक्ट्री में बड़ी मात्रा में विस्फोटक रखा हुआ था। यहां कई टन बारूद रखा था जिसके कारण आग लगने के बाद तेज धमाके हुए।
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हादसे में आसपास के 60 से ज्यादा घरों में आग लग गई जबकि आधा किमी के दायरे में कई मकान टूट गए। अनेक कच्चे मकान धराशायी हो चुके हैं। बताया जा रहा है कि यहां 15 टन बारूद रखा हुआ था। मगरधा रोड स्थित बैरागढ़ गांव में चल रही इस पटाखा फैक्ट्री में सुतली बम बनाए जाते थे। फैक्ट्री में बड़े पैमाने पर अन्य पटाखे भी बनते थे। यह बात भी सामने आई है कि यहां से देशभर में पटाखों की सप्लाई की जाती थी।
मंगलवार को सुबह ग्यारह बजे के बाद कारखाने में एकाएक आग की लपटें दिखाई दीं और इसके साथ ही तेज धमाके होने लगे। ब्लास्ट से केवल हरदा शहर ही नहीं दहला बल्कि करीब 35 किमी के दायरे में इसके कारण लोगों को भूकंप जैसा महसूस हुआ। फैक्ट्री के अंदर रखे 15 टन बारूद में लगी आग से यहां ज्वालामुखी जैसा नजारा दिखाई दिया।
बताया जा रहा है कि फैक्ट्री के अंदर कम से कम 100 मजदूर काम कर रहे थे। इन मजदूरों का अभी तक कोई अता-पता नहीं है। यहां आग तो बुझा दी गई है लेकिन फायर ब्रिगेड, पुलिस या अधिकारी की टीम अभी भी अंदर जाने से डर रही है।