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उन्होंने बताया कि नवरात्रि में भी जिस ग्रह की शांति के लिये पूजा की जाती है। उसके बीज मंत्रों का जाप कर संबंधित ग्रह के कवच एवं अष्टोत्तरशतनाम का पाठ भी करें। नवरात्रि के पश्चात दशमी के दिन यंत्र की पूजा कर इसे पूजा स्थल में स्थापित करना चाहिये व नियमित रूप से इसकी पूजा करनी चाहिये। ग्रहों की शांति के लिए यह विशेष पूजा किसी विद्वान ज्योतिषाचार्य या योग्य वैदिक ब्राह्मण से ही करवानी चाहिए। दुर्गा नवमी 14 अक्टूबर तथा विजयादशमी 15 अक्टूबर को पड़ रही है। इन दोनों दिनों में शुभ कार्यों के लिए अबूझ मुहूर्त हो जाता है। इस दिन वाहन खरीदना, नवीन गृह प्रवेश आदि कोई भी शुभ कार्य का परिणाम मंगलकारी ही होता है।
ये हैं शुभ मूहूर्त नवमी को नवरात्रि हवन / कन्या पूजन मुहूर्त के निम्न शुभ मूहूर्त बताए गए हैं। प्रातः – 7:30 से 10:30 बजे लाभ अमृत मुहूर्त दोपहर- 12:00 बजे से 1:30 शुभ मुहूर्त
रात्रि 9:00 बजे से 10:30 बजे लाभ मुहूर्त काफी शुभ माने गए हैं।
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