यह भी पढ़ें : डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती ने सोशल मीडिया पर अपलोड किया वीडियो पंडित अनिल शास्त्री ने बताया कि इस दिन देवी दुर्गा की पूजा करने से विशेष फल मिलेगा और यह काफी शुभ और वृद्धिकारक सिद्ध होगा। उन्होंने बताया कि अभिजीत मुहूर्त में मध्यान्ह में रोहणी नक्षत्र, लग्न में चंद्रमा, सप्तम भाव में शनि, दशम सूर्य, बुध और शुक्र है और दिन गुरूवार भी रहेगा। ग्रहों के इस दुर्लभ शुभ संयोग की यह स्थिति इस दिन को अति मंगलकारी बना रही है। इस दिन शुभ मुहूर्त में की गई पूजा और खरीददारी, अत्यत लाभकारी और शुभकारी होगी।
इस दिन नवरात्र व जागरण आदि में माता के ज्योति अवतार के रूप में ज्योति या अखण्ड ज्योति जगायी जाती है। नवरात्र में प्रतिदिन देवी की ज्योति जगाकर उसमें लोंग का जोड़ा,बताशा, नारियल की गिरी, घी, हलुआ-पूरी आदि का भोग लगाया जाता है। अगर प्रतिदिन ये काम नहीं कर सकते तो नवमी के दिन करने मात्र से पूरे नौ दिन पूजा का फल मिल जाता है।
BY: KP Tripathi
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