यह भी पढ़ें- भारत में कोरोना महामारी के बीच मदद को आगे आई Italy सरकार, 48 घंटे में स्थापित कर दिया Oxygen Plant दरअसल, हापुड़ जिले पिलखुवा थाना क्षेत्र स्थित गालंद के रहने वाले 23 वर्षीय नितिन गोयल कोरोना संक्रमित हो गए थे, जिनकी चार मई की रात रामा मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान मौत हो गई। जब अगले दिन नितिन के शव काे दाह संस्कार के लिए ले जाने को पिता मनोज गोयल पहुंचे तो उन्हें अस्पताल प्रबंधन ने 54 हजार रुपए का बिल थमा दिया। मनोज ने कहा कि उनके पास इतने रुपए नहीं हैं। इस पर मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने शव देने से इनकार कर दिया और कहा कि जब तक रुपए जमा नहीं होंगे, तब तक शव नहीं मिलेगा।
मामले की जानकारी मिलते ही धौलाना एसडीएम अरविंद द्विवेदी ने प्रबंधन से बात करते हुए कहा कि फिलहाल आप मृतक शव को ले जाने दीजए, इलाज का पूरा खर्च मैं दूंगा। लेकिन, इसके बावजूद मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने 35 हजार रुपए वसूूल करने के बाद ही नीतिन का शव परिजनों को सौंपा।
जिलाधिकारी अनुज सिंह ने मामले को गंभीरता से लेते हुए मामले की जांच के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही डीएम ने रामा मेडिकल कॉलेज, सरस्वती मेडिकल कॉलेज और जीएस मेडिकल कॉलेज में मजिस्ट्रेट की तैनाती कर दी है। ये मजिस्ट्रेट अब अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन की आपूर्ति , वेंटीलेटर की समस्या से लेकर मरीजों को भर्ती कराने और डिस्चार्ज कराने के साथ शवों को परिजनों को सौंपने का कार्य देखेंगे।