हापुड़

Exclusive- ऑस्‍कर अवार्ड जीतने पर चली गई स्‍नेहा व सुमन की नौकरी, जानिए क्‍यों

‘पीरियड: द एंड ऑफ सेंटेंस’ डाक्यूमेंट्री फिल्म को नवाजा गया था ऑस्‍कर पुरस्‍कार से
फिल्‍म में स्‍नेहा और सुमन ने निभाया था अहम किरदार
एक्‍शन इंडिया कंपनी की चीफ एडमिन ऑफिसर ने स्‍नेहा के आरोपों को बताया गलत

हापुड़Jun 01, 2019 / 01:19 pm

sharad asthana

Exclusive- ऑस्‍कर अवार्ड जीतने पर चली गई स्‍नेहा व सुमन की नौकरी, जानिए क्‍यों

शरद अस्‍थाना, हापुड़। देश को ऑस्‍कर अवार्ड दिलाने वाली बेटियां स्‍नेहा और सुमन तो आपको याद ही होंगी। इसी साल फरवरी में ‘पीरियड: द एंड ऑफ़ सेंटेंस’ डाक्यूमेंट्री फिल्म को ऑस्‍कर पुरस्‍कार से नवाजा गया था। उसमें स्‍नेहा और सुमन ने रोल निभाया था। इस समय हापुड़ की ये बेटियां तंग हाल में जिंदगी गुजार रही हैं। आरोप है क‍ि ऑस्‍कर अवार्ड की वजह से उनकी नौकरी चली गई है। स्‍नेहा ने तो कंपनी पर करीब साढ़े तीन माह से सैलरी भी नहीं देने का आरोप लगाया। वहीं, कंपनी ने इन सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है।
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हापुड़ के काठी खेड़ा गांव की रहने वाली हैं सुमन

हापुड़ के काठी खेड़ा गांव में रहने वाली 22 वर्षीय स्‍नेहा ने 26 मिनट की डॉक्‍यूमेंट फिल्‍म ‘पीरियड: द एंड ऑफ़ सेंटेंस’ में लीड रोल निभाया था। उनकी रिश्‍ते में लगने वाली भाभी सुमन ने भी फिल्‍म में अहम किरदार निभाया था। यह महिलाओं के माहवारी (पीरियड) के समय उन्हें होने वाली परेशानियों के विषय पर आधारित है। इस फिल्म को एकेडमी अवार्ड ऑफ बेस्‍ट डॉक्‍यूमेंट्री का भी खिताब मिल चुका है। बाद में उसे डॉक्यूमेंट्री शॉर्ट सब्जेक्ट श्रेणी में ऑस्कर पुरस्कार मिला। इसकी निर्देशक रायका जेह्ताब्ची है।
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कंपनी पर लगाए ये आरोप

आज उन्‍हीं स्‍नेहा और सुमन को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। स्‍नेहा ने पत्रिका संवाददाता को बताया कि उनको कंपनी ने नौकरी से निकाल दिया है। उनको साढ़े तीन माह की सैलरी तक नहीं दी गई है। कंपनी द्वारा उनसे इस्‍तीफा लिखवा लिया गया था। उन्‍होंने कहा कि समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने महिला दिवस पर उनका सम्मान किया था। ऑस्‍कर अवार्ड जीतने पर दोनों को इनाम के रूप में एक-एक लाख रुपये दिए गए थे। आरोप है क‍ि इसके बाद संस्‍था ने उनकी सैलरी रोक ली।
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कहा- सैलरी नहीं देने की कोई वजह नहीं बताई

आरोप है कि उन्‍होंने जब संस्‍था से अपनी सैलरी मांगी तो कहा गया कि उनको एक-एक लाख रुपये मिल तो गए हैं। अब आप सैलरी का क्‍या करोगे? स्‍नेहा के अनुसार, संस्‍था ने सुमन से इनाम के रुपये भी मांगे थे। चार लोगों की टीम यहां से अमेरिका गई थी। फरवरी व मार्च की सभी की सैलरी दी गई, लेकिन उनकी सैलरी नहीं दी गई। फरवरी व मार्च की सैलरी रोकने की उनको कोई वजह भी नहीं बताई गई।
sneha
अब नौकरी ढूंढ रही हैं दोनों

स्‍नेहा ने बताया कि अमेरिका से आने के बाद 1 अप्रैल को उन्‍होंने दोबारा संस्‍था में ज्‍वाइन कर लिया था। एक माह बाद फिर सबकी तनख्‍वाह मिल गई, लेकिन उनकी नहीं मिली। उन्‍होंने जब संस्‍था में पूछा तो जवाब दिया गया कि पता नहीं आप यूनिट में थे कि नहीं थे। हमने आपको काम करते देखा ही नहीं। उनको संस्‍था में मात्र दो हजार रुपये की सैलरी मिलती थी। अब अमेरिका से आने के बाद वह दिल्‍ली पुलिस की तैयारी भी नहीं कर पा रही हैं। वह अब नौकरी भी ढूंढ रही हैं।
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कंपनी की तरफ से दिया गया यह जवाब

इस बारे में एक्‍शन इंडिया कंपनी की चीफ एडमिन ऑफिसर सरोज ने स्‍नेहा के आरोपों को नकार दिया। उनका कहना है क‍ि उसकी कोई सैलरी नहीं रोकी गई है। वह यहां पर कर्मचारी ही नहीं है। जब कंपनी ने उसे यूएसए भेजा था, उनको 500 डॉलर डीए के तौर पर दिए थे, ताकि उसे कोई परेशानी न हो। उसको पढ़ाई पर ध्‍यान देने को बोला गया था। साथ ही हफ्ते में एक-दो बार काठी खेड़ा की यूनिट का दौरा करने को कहा गया था। डायरेक्‍टर ने उसे सलाह दी थी कि वह पुलिस की तैयारी पर ध्‍यान दें। वह यूनिट में रहकर आगे नहीं बढ़ पाएगी। उन्‍होंने कहा कि उसको अगर कोई दिक्‍कत है तो यहां आकर बात करनी चाहिए।
सुमन के बारे में यह कहा

चीफ एडमिन ऑफिसर सरोज ने सुमन के बारे में कहा कि कंपनी की पॉलिसी है कि कर्मचारी किसी भी राजनीतिक दल से जुड़ने पर वह कंपनी के साथ नहीं रह सकता। जब सुमन को इसके बारे में बताया गया तो उन्‍होंने खुद नौकरी छोड़ दी थी। उन्‍होंने उसे निकाला नहीं है।
बीए की पढ़ाई कर चुकी हैं स्‍नेहा

आपको बता दें क‍ि स्नेहा गांव में ही सबला महिला उद्योग के तहत सेनेट्री पैड बनाने का काम करती थीं। उन्होंने बीए की पढ़ाई हापुड़ के एकेपी कॉलेज से की है। कुछ साल पहले एक्शन इंडिया कंपनी ने सेनेट्री पैड बनाने का काम शुरू किया था। इसके लिए उन्‍होंने स्नेहा से भी संपर्क साधा था। इसके बाद स्‍नेहा कंपनी से जुड़ गईं।
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