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कई राज्यों में फैला है तार पिलखुवा थाना पुलिस और साइबर सेल की टीम ने युवक को पकड़कर पूरे गिरोह का खुलासा का दिया। पुलिस ने गिरोह के सरगना समेत दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए सदस्यों ने बताया कि उनका नेटवर्क दिल्ली, यूपी, पंजाब व हरियाणा के अलावा अन्य राज्यों में फैला हुआ है। आरोपितों की गिरफ्तारी सुबह पिलखुवा थानांतर्गत मोनार्ड विश्वविद्यालय के निकट से हुई है। इन नेटवर्क से जुड़े अन्य सदस्यों की भी पुलिस तलाश कर रही है। गिरोह की एक भूल, पकड़ा गया गैंग एसपी दीपक भूकर ने बताया कि निशा तिवारी नामक युवती जो कि जौनपुर की रहने वाली है। उसको दोनों आरोपितों ने वर्ष 2018-2019 में मोनार्ड विश्वविद्यालय से जारी किया गया फर्जी कंप्यूटर डिप्लोमा बनाकर दिया था। लेकिन, दोनों को यह नहीं पता था कि कंप्यूटर डिप्लोमा इस विश्वविद्यालय द्वारा जारी ही नहीं किया जाता है।
विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने पिलखुवा थाने में दर्ज कराई थी रिपोर्ट आरोपियों ने युवती को भरोसा दिलाने के लिए विश्वविद्यालय के नाम से बनाई गई फर्जी वेबसाइट पर डिप्लोमा का एनरोलमेंट नंबर अपलोड कर दिया। निशा ने एक सरकारी नौकरी के लिए आवेदन किया था। भर्ती प्रक्रिया के दौरान उसे डिप्लोमा फर्जी होने की जानकारी हुई। पीड़िता ने विश्वविद्यालय में पहुंचकर अधिकारियों से बातचीत की। जिससे हरकत में आए विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने पिलखुवा थाने में 14 जुलाई को रिपोर्ट दर्ज कराई। इसके बाद से थाना पुलिस के साथ साइबर सेल की टीम गिरोह के सदस्यों की तलाश कर रही थी।
फर्जी वेबसाइट बनाकर कर रहे थे ठगी गिरफ्तार हुए जनपद सीतापुर निवासी अमरेश एवं शिवम पांडेय ने वर्ष 2018 में मोनार्ड विश्वविद्यालय के नाम से फर्जी वेबसाइट तैयार कर अपने मोबाइल नंबर डाल दिए थे। विश्वविद्यालय में एडमिशन लेने के लिए यूपी, दिल्ली, पंजाब व हरियाणा निवासी छात्र-छात्राओं के फोन कॉल इन नंबरों पर आने लगे। आरोपित, छात्र-छात्राओं को पांच से 20 हजार रुपये में फर्जी ढंग से तैयार किए स्नातक, परास्नातक और पीएचडी की डिग्री व डिप्लोमा दिया करते थे।
10 लाख की कर चुके हैं ठगी वर्ष 2018 से अब तक मोनार्ड विश्वविद्यालय के नाम से सैकड़ों फर्जी डिग्री व डिप्लोमा छात्र-छात्राओं को देकर 10 लाख रुपये ठगी कर चुके हैं। अमरेश व शिवम जनपद सीतापुर में अलग-अलग कंप्यूटर सेंटर चलाते हैं। वर्ष 2017 ने ओशो एजुकेशनल ग्रुप बनाकर एक वेबसाइट तैयार की थी। मोटी रकम लेकर वह आईटीआई, कंप्यूटर डिप्लोमा व योगा की डिग्री बिना परीक्षा दिए बगैर ही छात्र-छात्राओं को उपलब्ध कराने लगे।