गंगा का जल हुआ शुद्ध लॉकडाउन के दौरान गढ़ गंगा का अचंभित करने वाला नजारा देखने को मिल रहा है। गंगा का जल पूरी तरह से निर्मल और शुद्ध हो चुका है। जहां इसका जल आचमन करने योग्य नहीं था, वहां लोग इस समय जल को शुद्ध देखकर चौक रहे हैं। इसमें कभी विषैला और बदबूदार पानी हुआ करता था। गंगा आचमन करने आने वाले लोग आज जल को पीने योग्य मान रहे हैं। गंगा के जिन घाटों पर गंदगी का अंबार लगा रहता था और जहां काई बदबूदार सामान मिलता था, वहां लॉकडाउन के चलते सब साफ है। विश्राम घाट, गऊघाट और ध्रुव घाट पर साफ और स्वच्छ जल देखने को मिल रहा है।
यह कहा लोगों ने स्थानीय निवासी रोहित का कहना है कि सरकार ने गंगा को साफ करने के काफी प्रयास किए थे लेकिन लॉकडाउन में यह संभव हो सका है। विनय मिश्रा ने कहा कि अब गढ़ के घाट काफी साफ हो चुके हैं। इसमें मछलियां भी दिखने लगी हैं। बता दें कि लॉकडाउन में जनता अपने—अपने घरों में है। गढ़ गंगा में कोई भी श्रद्धालु और स्थानीय निवासी स्नान करने नहीं जा रहा है। ना ही गंगा में कूड़ा—कचरा डाला जा रहा है। इस कारण गंगा का जल शुद्ध और पीने योग्य हो गया है। इसका एक कारण यह भी है कि गंगा के पास से होकर गुजरने वाली फैक्ट्रियां भी इस समय बंद पड़ी हैं, जिस कारण गंगा तक गंदगी नहीं रही है।