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हनुमानगढ़

सफेद पेठा की बढ़ रही खेती

—आधुनिक व आर्गेनिक खेती से मिला फायदा —फल-सब्जियों के साथ मत्स्य उत्पादन भी
आगरा का पेठा देशभर में मशहूर है। हनुमानगढ़ जिले में नाथवाना गांव के दो भाई इसी मिठाई में काम आने वाले सफेद पेठे की खेती कर रहे हैं। इससे उन्हें प्रति एकड़ दो लाख की आमदनी हो रही है।

हनुमानगढ़Jun 06, 2023 / 04:17 pm

विकास माथुर

सफेद पेठा की बढ़ रही खेती

सफेद पेठा की बढ़ रही खेती

लखनऊ से मंगाए बीज
अनुज पूनियां ने फल व सब्जियों के साथ पेठा खेती का नवाचार किया है। यह तीन महीने में तैयार हो जाती है। इसकी लागत काफी कम आती है। पेठे का तीन महीने तक स्टॉक रख सकते हैं । किसान ने इसके बीज लखनऊ से मंगवाए। दिसंबर में बिजाई की। ड्रिप इरिगेशन के बाद बड़े आकार के फल उपजे। एक हेक्टेयर में 250 क्विंटल तक उत्पादन मिल जाता है।
औषधीय गुणों से भरपूर
सफेद पेठा का उपयोग मिठाई बनाने में होता है। औषधीय गुणों से भरपूर इसका जूस स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। इसे सुबह खाली पेट पीने से वजन कम होता है। शरीर डिटॉक्स होने से लेकर कई फायदे हैं। सफेद पेठा कैल्शियम, फॉस्फोरस, थियामिन व राइबोफ्लाविन जैसे विटामिन से भरपूर होता है, जो एनर्जी बढ़ाने के साथ थकान में भी राहत प्रदान करता है।
डिग्गी में मत्स्य पालन
आधुनिक खेती अपनाते हुए वर्षाजल संग्रहण की व्यवस्था है। बूंद-बूंद सिंचाई से भूमि की उर्वरा शक्ति व पैदावार बढ़ती है। खेत में बनी डिग्गी में मत्स्य पालन भी हो रहा है।
उन्नत किस्म पेठा से मिलेगा उत्पादन
इसे भतुआ, कोहड़ा, भूरा कद्दू, या कुष्मांड फ ल नाम से जानते हैं। पेठा कद्दू का रंग हल्का हरा होता है। इस पर पाउडर जैसी परत चढ़ी होती है। उन्नत प्रजातियों के फ ल एक से दो मीटर लंबाई वाले होते है, गोल, आयताकार पेठा कद्दू की ज्यादा मांग रहती है। पूसा हाइब्रिड-1, काशी हरित कद्दू, पूसा विश्वास, पूसा विकास, सीएस 14 कई किस्में हैं।
अनुज को मिला प्रगतिशील किसान का पुरस्कार
अनुज व कालूराम पूनिया ने पांच बीघा में सफेद पेठे के साथ ही करेला, तौरी, कद्दू, हरी मिर्च, घीया, तर, खीरा, टिंडा, बैंगन, नींबू, देसी अंगूर, भिंडी, लौकी, टमाटर की सब्जियां तथा तरबूज, खजूर, खरबूजा, जुगुनी पेठा, ताईवान का पीला तरबूज, मक्का आदि की भी खेती कर रहे हैं। 15 मार्च को किसान मेला में प्रगतिशील किसान के तौर पर अनुज जिला कलक्टर से सम्मानित हुए। बारहमासी नींबू खेती वार्षिक पुरस्कार सहित इन्हें कई पुरस्कार व सम्मानपत्र मिले हैं।
ड्रिप इरिगेशन का प्रशिक्षण
किसान भाइयों ने भारतीय अनुसंधान केंद्र नई दिल्ली व बीकानेर से ड्रिप इरिगेशन का प्रशिक्षण भी लिया है। फ ल-सब्जी की खेती में उनका पूरा परिवार जुटा रहता है। इसके अलावा एक दर्जन लोगों को रोजगार भी मिल रहा है। फ सल तुड़ाई का कार्य महिलाओं को दिया जा रहा है।

योगेन्द्र कुमार गुप्ता — संगरिया

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