हनुमानगढ़

Video: सगे भाईयों को चैक अनादरण मामलों में कारावास की सुनाई सजा

– पत्रिका ने निभाया सामाजिक सरोकार

हनुमानगढ़Feb 27, 2018 / 04:21 pm

सोनाक्षी जैन

Chhindwara in the assembly

संगरिया. चैक अनादरण के ग्यारह साल पुराने दो अलग-अलग मामलों में सोमवार को निर्णय करते हुए अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट राजेश कुमार गजरा ने दो सगे भाईयों को दो-दो वर्ष के साधारण कारावास की सजा से दंडित किया है। एडवोकेट लखन करवा ने बताया कि मामले के अनुसार गांव किशनपुरा उत्तराधा निवासी रणवीर पुत्र सुरजाराम कुम्हार ने ४ अक्टूबर 2007 को गांव भाखरांवाल निवासी रणजीत कुमार पुत्र हजारीराम जाट वर्तमान चक 14 आरजेडी रोजड़ी तहसील घड़साना के खिलाफ दो लाख रुपए व उसके भाई रामकुमार के खिलाफ 16 अक्टूबर २०07 को एक लाख अस्सी हजार रुपए के चैको के अनादरण के परिवाद न्यायालय में पेश किए थे।
 

जिस पर न्यायालय में सोमवार को आरोपी रणजीत कुमार को दो लाख के चैक अनादरण पर तीन लाख 97 हजार सौ रुपए के अर्थदंड सहित दो वर्ष के साधारण कारावास से दंडित किया। वहीं दूसरे मामलें में आरोपित भाई राम कुमार को एक लाख 80 हजार रुपए चैक अनादरण में तीन लाख 57 हजार आठ सौ पचास रुपए अर्थदंड व दो वर्ष के साधारण कारावास की सजा सुनाई है। इसके लिए माह के अंतिम सोमवार को न्यायालय परिसर में लोक अदालत भी लगाई गई। जिसमें तीन प्रकरणों का निस्तारण हुआ।
 


108 एबुलेंस को टायर व स्टेपनी तथा गाड़ी व स्टाफ को रहने के लिए मिली जगह
संगरिया. आपातकालीन सेवा १०८ एंबुलेंस को दो टायर स्टेपनी मिली वहीं गाड़ी खड़ी करने तथा स्टाफ को रहने की जगह भी मिल गई। ये सब पत्रिका के सामाजिक सरोकार निभाने पर दो बार छपी खबरों की बदौलत ही संभव हुआ। कंपनी के अधिकारियों ने तत्परता से एंबुलेंस को दो नए टायर व स्टेपनी दी।
 

भाजपा महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष गुलाब सींवर ने एंबुलेंस खड़ी करने तथा स्टाफ को रहने के लिए जगह दिलवाने बाबत पाालिकाध्यक्ष नत्थूराम सोनी से वात्र्ता की। जिस पर रतनपुरा के पास निर्माणाधीन आरसी कॉलोनी में गाडी व स्टाफ के ठहराव के लिए जगह उपलब्ध हुई। उल्लेखनीय है कि पत्रिका ने २३ जनवरी को एंबुलेंस को इलाज की दरकार तथा दो दिन बाद ही सड़क पर रहने को मजबूर १०८ का स्टाफ शीर्षक से समाचार प्रकाशित किए थे।
 

जिसमें खस्ताहाल १०८ व स्टाफ के रहने की समस्या को उजागर किया। अब अन्य मूलभूत समस्याओं का भी शीघ्र निस्तारण होने की आस बंधी है। हालांकि अस्थाई रुप से रतनपुरा में एंबुलेंस सहित स्टाफ के रुकने से उनकी समस्या का हल तो हो गया लेकिन यहां पर मोबाईल रेंज समस्या के चलते आकस्मिक घटना के समय दिक्कत आ सकती है। इसलिए शहर में ही स्थाई जगह की नितांत आवश्यकता है।

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