- टाउन के मुख्य बाजार में हर वर्ष रहती है चहल-पहल
हनुमानगढ़. शहरी क्षेत्र में सबसे पुराना बाजार टाउन का है। एक वक्त था जब दूरदराज से लोग टाउन में आकर खरीदारी करते थे।धीरे-धीरे बाजार फैलता गया और बढ़ती आबादी के कारण बाजार हर गली मोहल्ले तक पहुंच गया। लेकिन टाउन के मुख्य बाजार में सालभर चहल-पहल रहती है। यही वजह है कि दीवाली पर यहां पर स्थित दुकानों पर रिकार्ड तोड़ ग्राहकी होती है। शहर के सबसे पुराने बाजार की भीड़ भाड़ देखकर ही व्यापारी टाउन व जंक्शन के बाजार के हालात का बयान करते हैं। ऐसे में उम्मीद है कि इस बार धनतेरस व दीवाली पर हमेशा की तरह बम्पर सेल होगी और यह दीवाली हर घर में खुशियां लेकर आएगी
टाउन में सबसे पुरानी हिसारिया मार्केट है। दीवाली के त्यौहार पर यहां के दुकानदार मार्केट की साज-सजावट करनी कई दिन पहले ही शुरू कर देते हैं। पूरी मार्केट में रेड कारपेट बिछाई जाती थी और फूलों से सजावट की जाती है। खास बात यह थी कि लोग घरों में दीवाली पूजन करने के बाद यहां की मार्केट देखने व खरीदारी करने आते हैं। धनतेरस व दीवाली पर ग्राहकी इतनी अधिक होती है कि दुकानदार को पूजन करने का समय नहीं मिलता। इस बार भी यहां के दुकानदारों को धनतेरस व दीवाली का बेसब्री से इंतजार है। वर्तमान में हिसारिया मार्केट के आसपास चार शापिंग कॉम्पलेक्स बन चुके हैं। इन शॉपिंग कम्पलेक्स में लेडिज सूट, लेडिज पर्स, स्लीपर, कॉस्मेटिक्स की दुकानें हैं। जहां महिला ग्राहकों की अक्सर भीड़ रहती है और धनतेरस व दीवाली पर इन दुकानों पर वेटिंग जैसी स्थिति रहती है।
पुरानी नगर पालिका के आसपास
पुरानी नगर पालिका के सामने हिसारिया काम्पलेक्स है और इसके आसपास लेडिज सूट के छोटे से लेकर बड़े व्यापारी हैं। इन दुकानों पर दो सौ रुपए से लेकर पंद्रह हजार तक के सूट उपलब्ध हैं। ऑनलाइन व्यापार चाहे कितना भी फैल जाए। ऑनलाइन व्यापार का असर यहां की दुकानों की ग्राहकी पर नहीं पड़ता। महिलाओं को सूट खरीदने के लिए आधे से एक घंटे तक इंतजार करना पड़ता है। धनतेरस व दीवाली पर इन दुकानों पर अत्यधिक भीड़ रहती है। उम्मीद है कि इस बार इन दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ पहले से अधिक देखने को मिलेगी।
पुरानी नगर पालिका के सामने हिसारिया काम्पलेक्स है और इसके आसपास लेडिज सूट के छोटे से लेकर बड़े व्यापारी हैं। इन दुकानों पर दो सौ रुपए से लेकर पंद्रह हजार तक के सूट उपलब्ध हैं। ऑनलाइन व्यापार चाहे कितना भी फैल जाए। ऑनलाइन व्यापार का असर यहां की दुकानों की ग्राहकी पर नहीं पड़ता। महिलाओं को सूट खरीदने के लिए आधे से एक घंटे तक इंतजार करना पड़ता है। धनतेरस व दीवाली पर इन दुकानों पर अत्यधिक भीड़ रहती है। उम्मीद है कि इस बार इन दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ पहले से अधिक देखने को मिलेगी।
इन्दिरा चौक के आसपास बर्तनों की दुकानें
धनतेरस से एक दिन पहले बर्तन बेचने वाले दुकानदार दुकानों के बाहर काउंटर लगाना शुरू कर दिए हैं। इन काउंटर पर बर्तनों को बहुत ही सुंदर ढंग से सजाया जाता है और धनतेरस वाले दिन यहां की दुकानों पर सुबह से ग्राहकों की भीड़ जमा होनी शुरू हो जाती है। दोपहर बारह बजे से लेकर शाम पांच बजे तक आसपास के गांवों के ग्रामीण यहां आकर जमकर खरीदारी करते हैं और इसके पश्चात शहरी ग्राहक आना शुरू हो जाते हैं। टाउन के इन्दिरा चौक से लेकर मुख्य बाजार की तरफ धनतेरस वाले दिन बर्तनों की दुकानों पर पैर रखने की जगह नहीं होती।
धनतेरस से एक दिन पहले बर्तन बेचने वाले दुकानदार दुकानों के बाहर काउंटर लगाना शुरू कर दिए हैं। इन काउंटर पर बर्तनों को बहुत ही सुंदर ढंग से सजाया जाता है और धनतेरस वाले दिन यहां की दुकानों पर सुबह से ग्राहकों की भीड़ जमा होनी शुरू हो जाती है। दोपहर बारह बजे से लेकर शाम पांच बजे तक आसपास के गांवों के ग्रामीण यहां आकर जमकर खरीदारी करते हैं और इसके पश्चात शहरी ग्राहक आना शुरू हो जाते हैं। टाउन के इन्दिरा चौक से लेकर मुख्य बाजार की तरफ धनतेरस वाले दिन बर्तनों की दुकानों पर पैर रखने की जगह नहीं होती।