हनुमानगढ़

बेटा ही निकला बाप का कातिल, जमीन के लिए ली जान

रावतसर. निकटवर्ती ग्राम पंचायत बुधवालिया के पास खेत में बनी ढाणी में रविवार रात एक जने की हत्या मामले का पुलिस ने 36 घंटे के भीतर ही खुलासा कर दिया।

हनुमानगढ़Jul 07, 2021 / 07:53 am

adrish khan

बेटा ही निकला बाप का कातिल, जमीन के लिए ली जान

बेटा ही निकला बाप का कातिल, जमीन के लिए ली जान
– ढाणी में सो रहे दंपती पर हमला कर एक जने की हत्या का मामला
– पुलिस ने 36 घंटे के भीतर किया खुलासा
रावतसर. निकटवर्ती ग्राम पंचायत बुधवालिया के पास खेत में बनी ढाणी में रविवार रात एक जने की हत्या मामले का पुलिस ने 36 घंटे के भीतर ही खुलासा कर दिया। मृतक का बेटा ही हत्या का आरोपी निकला। पुलिस ने आरोपी रामेश्वरलाल कासनिया को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया।
थाना प्रभारी अशोक बिश्नोई ने बताया कि मामले की गहनता से जांच व आस-पड़ोस में पूछताछ करने पर सामने आया कि रामप्रताप कासनिया तथा रामेश्वरलाल के बीच जमीन को लेकर विवाद था। पिता व पुत्र एक ही ढाणी में अलग-अलग रह रहे थे। रविवार को दिन में पिता व पुत्र के बीच विवाद हुआ था। इस पर रामेश्वरलाल ने रात में पिता रामप्रताप व सौतेली मां चन्द्रकला की हत्या की साजिश रची। रात्रि में घटना को अंजाम दे दिया। इसके बाद पुलिस व आमजन की नजरों से बचने के लिए अज्ञात लोगों की ओर से हमला करने की कहानी गढ़ी।
मृतक के दो विवाह
मृतक रामप्रताप कासनिया की दो शादियां हुई थी। पहली पत्नी से दो पुत्र जयचन्द व रामेश्वर हुए। पत्नी की मौत के बाद रामप्रताप ने चंद्रकला से विवाह किया। उससे रामप्रताप को एक पुत्री हुई। जयचन्द व रामेश्वर की शादी एक ही घर में की हुई थी। वर्ष 2012 में बड़े बेटे जयचन्द की मौत हो गई। जयचन्द की पत्नी सुमित्रा को रामेश्वर के ही बैठा दिया गया। इसके बाद पिता रामप्रताप व रामेश्वर के बीच विवाद रहने लगा। रामप्रताप ने अपने हिस्से की पूरी जमीन दूसरी पत्नी से हुई पुत्री रिंकू के नाम करने की बात कहने लगा। रामेश्वर को केवल दो बीघा बारानी भूमि देने की बात कहता। इसको लेकर विवाद बढ़ा तो पिता एवं पुत्र एक ही ढाणी में अलग-अलग रहने लगे। विवाद निरंतर बढ़ता गया। इसका परिणाम यह रहा कि रामेश्वरलाल ने कुल्हाड़ी से पिता की हत्या कर दी तथा मां चंद्रकला पर भी हमला किया।
यह था घटनाक्रम
पुलिस से बचने के लिए रामेश्वरलाल ने मामला दर्ज करवाया कि रविवार रात सभी सदस्य खाना खा कर सो गए। माता-पिता अलग आंगन में सो गए। रात्रि में लगभग सवा तीन बजे किसी ने उसके सिर में चोट मारी। तकिया होने के कारण सिर का बचाव हो गया। वह उठा तो देखा कि हमलावर दो जने थे। उनका पिछा किया तो एक हमलावर की टीशर्ट हाथ में आ गई। दूसरे हमलावर ने उस पर लाठी से वार किए। इससे हाथ व पैर पर चोट आई। इससे घबरा कर वह वापस ढाणी में आ गया। ढाणी में देखा तो पिता रामप्रताप के सिर से खून बह रहा था। माता चन्द्रकला तड़प रही थी। इस पर चाचा को थालड़का फोन किया। इसके बाद दोनों को अस्पताल पहुंचाया। वहां रामप्रताप को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। जबकि चंद्रकला को जिला अस्पताल रेफर कर दिया। पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की।

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