शिक्षा विभाग की लापरवाही
अब तक शिक्षा विभाग के स्थानीय अधिकारियों व कार्मिकों से लेकर मुख्यालय स्तर तक सभी इससे अनजान हैं। इससे सहज ही लापरवाही का अंदाजा लगाया जा सकता है। शिक्षक नेताओं का कहना है कि पिछले कुछ बरसों से शिक्षा विभाग के कर्मचारियों, योजनाओं व विद्यार्थियों से संबंधित तमाम डाटा शाला दर्पण पोर्टल पर ऑनलाइन है। निरंतर उसे अपडेट भी किया जाता है। इसके बावजूद शिक्षा विभाग के लिपिक वर्ग ऐसी गलतियां करते हैं जो बहुत गंभीर किस्म की हैं। यह भी पढ़ें
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राजस्थान वरिष्ठ शिक्षक संघ रेस्टा के प्रदेश प्रवक्ता बसन्त कुमार ज्याणी का कहना है कि माशि निदेशालय ने 10530 वरिष्ठ अध्यापकों को व्याख्याता पदों पर पदोन्नति को लेकर चयन सूची जारी की है। मगर अब भी क्रमोन्नत विद्यालयों में पदा स्वीकृत नहीं होने के कारण 18 हजार शिक्षक पदोन्नति की प्रतीक्षा में हैं। मार्च 2022 में 3834 विद्यालय माध्यमिक से उच्च माध्यमिक में क्रमोन्नत किए गए। इसके बाद 1825 उच्च प्राथमिक से उच्च माध्यमिक में क्रमोन्नत किए गए। यह भी पढ़ें : Weather Update : मौसम विभाग का Yellow Alert, राजस्थान के इन 8 जिलों में 17-18 दिसंबर को चलेगी शीतलहर
छह हजार स्कूलों को उच्च माध्यमिक विद्यालयों के रूप में किया क्रमोन्नत
इस प्रकार से पिछले दो शिक्षा सत्रों में लगभग छह हजार स्कूलों को उच्च माध्यमिक विद्यालयों के रूप में क्रमोन्नत किया जा चुका है। उन सभी क्रमोन्नत विद्यालयों में 2-3 सत्र बाद भी व्याख्याता पद स्वीकृत नहीं किए गए हैं। प्रति विद्यालय तीन व्याख्याता पदों के हिसाब से छह हजार विद्यालयों में कुल 18 हजार व्याख्याता पदों की स्वीकृति का इंतजार है। विभाग को पदोन्नत व्याख्याताओं के पदस्थापन से पूर्व क्रमोन्नत विद्यालयों में पदों की वित्तीय स्वीकृति जारी कर पदस्थापन करना चाहिए ताकि इन विद्यालयों को भी व्यायाता मिल सके। ऐसा नहीं हुआ तो उक्त विद्यालयों के जो विद्यार्थी पिछले तीन सत्र के बिना व्याख्याता के अध्ययन कर रहे हैं, उनको आगे भी कई महीनों तक व्याख्याता नहीं मिल पाएंगे। अत: क्रमोन्नत स्कूलों में भी पदस्थापन करना चाहिए। यह भी पढ़ें : कपड़ा होगा महंगा! राजस्थान में कपास की आवक 43 फीसद घटी