पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सुबह से ही किसानों के जत्थे महापंचायत स्थल पर पहुंचने शुरू हो गए। इस अवसर पर हुई सभा को संबोधित करते हुए जिला परिषद सदस्य मंगेज चौधरी ने राज्य सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रशासनिक तंत्र व जल संसाधन विभाग की लापरवाही के कारण क्षेत्र का काश्तकार बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहा हैं। ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष सोहन ढिल ने कहा कि अब क्षेत्र का किसान जाग्रत होने लगा है। उन्होंने एटा-सिंगरासर नहर निर्माण के लिए चल रहे आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा कि अब सरकार को मुंह की खानी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि जल संसाधन मंत्री जिले का होने के बावजूद किसानों की अनदेखी हो रही है।
रामगढ़ के पूर्व सरपंच ओम सहू ने किसानों से कंधे से कंधा मिलाकर एकजुट होने की अपील करते हुए कहा कि किसान पार्टीबाजी से हटकर अपने हक के लिए जागरूक नहीं होगा तब तक उसे पूरा पानी नहीं मिल सकता। पूर्व पालिकाध्यक्ष राजेन्द्र चाचाण ने कहा कि राज्य सरकार व जल संसाधन विभाग अपने हिस्से का पूरा पानी लेने में विफ ल रहे हैं। सरकार ने हरियाणा से हिस्से का पूरा पानी लेने के सार्थक प्रयास नहीं किए। पूर्व जिला परिषद एवं संघर्ष समिति के प्रवक्ता राजेन्द्र सिहाग ने जलसंसाधन विभाग पर मोघों से छेड़छाड़ कर अपनी नाकामी छुपाने के प्रयास का आरोप लगाते हुए अंतरराज्यीय समझौते के अनुसार पूरा पानी लेने की मांग की।
महापंचायत में आगे की रणनीति की घोषणा करते हुए लोकराज संगठन के हनुमान प्रसाद शर्मा ने कहा कि पांच जून को रतनपुरा व आठ जून को रामगढ़ में महापंचायत कर दस जून को सिंचाई कॉलोनी का घेराव किया जाएगा। सभा को अमित चारण, विनोद स्वामी, मनीराम गढ़वाल, मंहत गोपालनाथ, दलीप स्वामी, श्रवण तंवर, रणजीत, हनुमान सिहाग, मदन बेनीवाल, पूर्णमल नैण, ओमप्रकाश बिजारणियां, लियाकत अली, बलवान राजोतिया ने भी संबोधित किया। महापंचायत में राजपुरिया, पदमपुरा, गुडिया, फेफ ाना, जसाना, रतनपुरा, मोधूवाली ढाणी, परलीका, रामगढ़ व रामसरा के काश्तकार पहुंचे। इस मौके पर भारी पुलिस जाब्ता तैनात रहा। (पसं)