हनुमानगढ़

एफसीआई गोदाम में आने-जाने के लिए नहीं निकाला विकल्प, ट्रक पलटने के बाद नप ने दोनों तरफ लगाए अवरोधक

एफसीआई गोदाम में आने-जाने के लिए नहीं निकाला विकल्प,

हनुमानगढ़Aug 26, 2024 / 12:15 pm

Anurag thareja

एफसीआई गोदाम में आने-जाने के लिए नहीं निकाला विकल्प,

  • पार्षद व नागरिकों ने अवरोधकर लगाने की थी मांग
    हनुमानगढ़. टाउन के एफसीआई गोदाम में आने व जाने के लिए अभी तक विकल्प नहीं निकालने के कारण नगर परिषद ने फिर से अवरोधक लगा दिए हैं। गत दिनों में गेहूं से भरा ट्रक पलटने के कारण बड़ा हादसा होते-होते टल गया। इससे गुस्साए पार्षद व नागरिकों की मांग पर नगर परिषद ने एफसीआई गोदाम की दोनों सड़कों पर अवरोधक लगा दिए हैं। इन अवरोधक की वजह से ट्रकों का आवागम ठप हो गया है। दरअसल कई विभागों के अधिकारियों की गलती का खमियाजा इस इलाके के लोग भुगत रहे हैं। जिला प्रशासन को इन सभी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करनी चाहिए थी। उल्टा अधिकारियों की गलतियों को छुपाने बार-बार प्रयास किए गए। कॉलेज फाटक पर अंडरपास का निर्माण करने से पहले चार से पांच विभाग के अधिकारियों की कमेटी का गठन किया था। इस कमेटी ने फाटक बंद होने के उपरांत एफसीआई गोदाम में आने-जाने के लिए ट्रकों के आवागमन का उल्लेख रियाहशी इलाके में कर दिया। एक मात्र विकल्प होने के कारण ट्रकों का आवागमन इसी मार्ग पर होने से हादसा होने की आशंका रहती है। करीब तीन वर्ष पूर्व कृषि विपणन बोर्ड ने ५० लाख रुपए की लागत से सड़क का निर्माण किया था। इस मार्ग की चौड़ाई बीस फीट है। जगह कम होने के कारण एफसीआई गोदाम में आने व जाने के लिए ट्रक चालक अलग-अलग रास्तों से होकर गुजरते हैं। एफसीआई गोदाम में आने के लिए ट्रक पारीक कॉलोनी से होकर आते हैं और गोदाम से गेहूं का उठाव कर इसी के पास स्थित मार्ग से होते हुए मीरा कॉलोनी और यहां से मुख्य मार्ग होते हुए कोहले वाली नहर तक पहुंचते हैं। ऐसे में रिहायशी इलाके में ट्रक व ट्रोलो की आवाजाही से इलाकावासी काफी समय से परेशान थे। पार्षदों की मांग पर इन इलाकों के प्रवेश मार्गों पर अवरोधक लगा दिए गए हैं। इन अवरोधक की वजह से भारी वाहनों का प्रवेश नहीं हो सकेगा।
यह है मामला
टाउन का कॉलेज फाटक बंद करवाने से पहले जिला प्रशासन ने जांच तक नहीं की और २०१७ में एनओसी जारी कर दी। एनओसी जारी करने से पहले किसी के ध्यान में यह तक नहीं आया है कि कॉलेज फाटक को बंद कर दिया गया तो एफसीआई गोदाम की आवाजाही कैसे होगी। इसी एनओसी के आधार पर रेलवे ने करीब दो करोड़ की लागत से अंडरपास का निर्माण कर कॉलेज फाटक को बंद कर दिया। इसकी वजह से रेलवे लाइन के उस पार एफसीआई गोदाम में आने व जाने के लिए ट्रक कोहला नहर से होते हुए मोहल्लों का रास्ता अपनाते हैं। इन रिहायशी इलाके में ट्रकों के गुजरने से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। जानकारी के अनुसार इस भारतीय खाद्य निगम के गोदाम की क्षमता ६३७२० मेट्रिक टन है। सरकार की विभिन्न योजना एनएफएसए, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना में वितरित होना प्रस्तावित है। हनुमानगढ़ में सरकार की विभिन्न योजनाओं में खाद्यान वितरण का मुख्य केंद्र यही गोदाम है। इसके अलावा हनुमानगढ़ टाउन मंडी में अनुमानित गेहूं की खरीद १.३० मेट्रिक टन होती है। जिसमें से आधी खरीद का भण्डारण भी इसी एफसीआई गोदाम में होता है।
यह थी योजना
एफसीआई गोदाम की आवाजाही ठप होने के बाद जिला प्रशासन के अधिकारी हरकत में आए थे और एक बार केवल विकल्प के तौर पर एफसीआई गोदाम के पास से सड़क का निर्माण करवाने का निर्णय लिया था। वहीं एफसीआई गोदाम के लिए अलग से अंडरपास होने का ठोस समाधान निकाला गया था। अंडरपास निर्माण को लेकर ना तो एफसीआई की ओर से कोई योजना तैयार की गई है और ना ही स्थानीय प्रशासन ने इसके बाद इस पर कोई विचार किया।

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