प्रदेश में हनुमानगढ़ जिलें से रेलवे बिजली की ट्रेन चलाने के लिए काम शुरू कर रहा है। इस प्रोजेक्ट का काम शुरू हो गया है। 350 करोड़ की लागत से रेलवे हिसार-बठिंडा-हनुमानगढ़ व सूरतगढ़ तक इलेक्ट्रिक लाइनें बिछाने जा रहा है।
पहले चरण में बठिंडा से हनुमानगढ़ तक फाउंडेशन बनाने का काम पूरा कर लिया गया है। इस पखवाड़े के बाद सूरतगढ़ पावर प्लांट तक लाइन बिछाने के लिए खड्ढ़े खोदने का काम पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद खंभे लगाने का काम शुरू होगा।
प्रोजेक्ट के अनुसार हनुमानगढ़ जंक्शन रेलवे स्टेशन की सभी रेलवे लाइनों को इलेक्ट्रिक किया जाएगा। इलेक्ट्रिक ट्रेन चलाने के लिए दस करोड़ की लागत से जंक्शन रेलवे स्टेशन पर अलग से बिजली घर बनाने के साथ ही ट्रेनों का संचालन करने वाले स्टॉफ के लिए अलग से भवन भी बनेगा। बिजली घर माल गोदाम व स्टॉफ भवन जीआरपी थाने के पास बनेगा। दोनों की भूमि चिन्हित कर ली गई है।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार दिसम्बर 2018 तक प्रोजेक्ट को पूरा करना है। इलेक्ट्रिक ट्रेन औसतन 100 से 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी। इसके लिए ट्रेक की क्षमता बढ़ाने संबंधी कार्य होंगे। जबकि वर्तमान में डीजल ट्रेन महज 70 से 80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही है। इलेक्ट्रिक ट्रेन चलने के बाद वर्तमान की तुलना में कम समय में लंबा सफर तय कर सकेंगे। इसके अलावा ट्रेक के खाली रहने पर नई ट्रेनों चलाने की बात अधिकारी कह रहे हैं।
यात्रियों के साथ रेलवे को बड़ा फायदा महंगे रेट में डीजल खरीदने से निजात मिलेगी। रेलवे अधिकारी बताते हैं कि जिस कंपनी से बिजली खरीदेंगे, उसमेें अनुबंध शर्त रखेंगे कि बिजली की वजह से ट्रेन रूकने पर संबंधित बिजली कंपनी से दस गुणा क्लेम लेंगे। दस हजार खंभे लगेंगे लाइनों को विद्युतीकृत करने के लिए रेलवे ने कई जगह डिपो बनाए हैं।
हिसार-बठिंडा-हनुमानगढ़-सूरतगढ़ ट्रेक को इलेक्ट्रिक करने का कार्य सीमाइकल कंपनी व रेलवे के संयुक्त तत्वावधान में हो रहा है। इस रूट पर करीब दस हजार बिजली पोल लगेंगे। रख-रखाव कार्य के लिए कई स्टेशनों पर मेंटनेंस डिपो भी बनेंगे। डिपो में पोल, तार, कंडक्टर सहित सभी तरह के उपकरण का भंडारण कर लिया गया है।
बनेगा अलग बिजली घर हनुमानगढ़ जंक्शन रेलवे स्टेशन से इलेक्ट्रिक ट्रेन चलाने को लेकर यहां पर अलग से बिजली घर बनाया जाएगा। जिस पर करीब दस करोड़ की लागत आएगी। दो भारी क्षमता के ट्रांसफार्मर लगेंगे। जिसकी लागत चार करोड़ रहेगी। सिरसा खंड के सीनीयर सेक्शन इंजीनियर सोनू सैनी के अनुसार हिसार-बठिंड-हनुमानगढ़ रूट को इलेक्ट्रिक करने का काम तेज कर दिया गया है। बठिंडा से आगे संगत तक खंभे लगा दिए गए हैं। अब हनुमानगढ़ में कार्य शुरू कर दिया गया है।