किशोरी ने आरोप लगाया कि परिजन उसको वेश्यावृत्ति के लिए बेचना चाहते हैं। इससे घबरा कर वह भाग निकली। इसके बाद किशोरी के परिजनों को सूचना देकर हनुमानगढ़ बुलाया गया। जांच-पड़ताल में किशोरी के आरोप झूठे एवं मनगढ़त निकले। अंतत: परिजनों को किशोरी की समुचित देखभाल के लिए पाबंद कर उनके साथ भेज दिया गया।
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जानकारी के अनुसार सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष जितेन्द्र गोयल, सदस्य प्रेमचंद शर्मा एवं जंक्शन थाने के एएसआई दिलीप कुमार रैन बसेरा पहुंचे। किशोरी से बातचीत की तो उसने बताया कि माता-पिता उससे जबरन वेश्यावृत्ति कराना चाहते हैं। वे 50 हजार रुपए में उसको बेचकर किसी से जबरन शादी कर रहे थे। इसलिए घर से निकल गई। इस पर तत्काल किशोरी के माता-पिता व अन्य परिजनों को सूचना देकर सीडब्ल्यूसी कार्यालय बुलाया गया तथा किशोरी को भी रैन बसेरे से सीडब्ल्यूसी कार्यालय लाया गया।
यहां किशोरी की मौजूदगी में परिजनों से पूछताछ की गई। किशोरी के परिजनों ने कहा कि वह खुद अपने पसंद के लड़के से शादी कराने के लिए बार-बार उन पर दबाव बना रही थी। परिजनों ने कहा कि 18 वर्ष पूर्ण होने के बाद ही उसकी शादी करेंगे। उससे पहले नहीं करेंगे।
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इस बात से नाराज होकर वह घर से निकल गई। बाल कल्याण समिति ने बालिका की समझाइश कर उसे माता-पिता के सुपुर्द कर दिया गया। साथ ही उनको पाबंद किया गया कि वे 18 वर्ष की आयु से पहले उसकी शादी नहीं करें तथा उसको शिक्षा से जोड़ें। सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष ने समय-समय पर निगरानी की बात कही।