इन हालात में जिले में बाढ़ का खतरा निरंतर बना हुआ है। इंटेक्स स्ट्रक्चर से घग्घर नदी का पानी इंदिरा गांधी फीडर में निरंतर डाला जा रहा है। मगर पानी की निरंतर भारी आवक से बाढ़ की चिंता बनी हुई है। पानी की मात्रा लगातार बढऩे के कारण नाली बेड में घग्घर के बंधों को मजबूत करने और उनकी निगरानी का कार्य निरंतर जारी है। प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ घग्घर के आसपास बसे गांवों के लोग भी बंधों पर पहरा दे रहे हैं।
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पांच दिन में कितना बढ़ा पानी
ओटू हैड से 16 जुलाई को 26300 क्यूसेक पानी प्रवाहित किया जा रहा था, वह गुरुवार शाम को बढकऱ 38400 क्यूसेक तक जा पहुंचा है। इससे जीडीसी में भी पानी की मात्रा बढ़ गई है। घग्घर साइफन में 16 जुलाई को 12200 क्यूसेक पानी चल रहा था जो गुरुवार को बढकऱ 20492 क्यूसेक हो गया। घग्घर नाली बेड में 16 जुलाई तक 4800 क्यूसेक पानी ही चलाया जा रहा है जो अब बढकऱ 6200 क्यूसेक से ज्यादा हो चुका है। जबकि घग्घर क्षेत्र में निरंतर बढ़ते अधिक्रमण आदि के कारण वर्तमान में इसकी क्षमता 5500 क्यूसेक ही बताई जाती है। जाहिर है कि क्षमता से अधिक पानी प्रवाहित होने के कारण कभी भी बाढ़ का सामना करना पड़ सकता है। गुरुवार शाम तक ओटू से 38400 क्यूसेक पानी प्रवाहित होना बताया जा रहा था। मगर असल में पानी की मात्रा वहां 40 हजार क्यूसेक से भी ज्यादा है।