अमित के बेटे धुर्व ने बताया कि उसके पिता इन्कम टेक्स विभाग में डाटा एंट्री ऑपरेटर थे। उनके पिता को डिप्रेशन के कारण यहां भर्ती करवाया गया था। डॉक्टर ने अस्पताल के एक कमरे में उन्हें रस्सी से बांधकर रखा हुआ था। उन्हें मिलने नहीं दिया जा रहा था। वह एक बजे दवा लेने गया तो पता चला कि देर रात हुए धमाके के बाद उनके कमरा में आग लग गई। अस्पताल के कर्मचारी आग बुझाने के लिए सिलेंडर लेकर आए मगर वह नहीं चला, फिर पानी की पाइप से आग पर काबू पाया गया तब तक उसके पिता की मौत हो चुकी थी।