हनुमानगढ़

पंजाबी में गाता भजन तो नाम पड़ गया ‘राजू पंजाबी’, बणज्या गी तेरी सॉलिड बॉडी र.. गीत से छाए

RAJU PUNJABI : जन्मे राजू पंजाबी को बचपन से ही गायन का शौक था। पंजाब में तामकोट, मुक्तसर में अपनी बहन के पास पढ़ाई के लिए गया तो वहां पंजाबी में भजन गाने लगा।

हनुमानगढ़Aug 22, 2023 / 10:25 pm

adrish khan

पंजाबी में गाता भजन तो नाम पड़ गया ‘राजू पंजाबी’, बणज्या गी तेरी सॉलिड बॉडी र.. गीत से छाए

पंजाबी में गाता भजन तो नाम पड़ गया ‘राजू पंजाबी’, महीने भीतर बणज्या गी तेरी सॉलिड बॉडी र.. गीत से छाए
– राजू पंजाबी को अलविदा कहने उमड़े प्रशंसक, रावतसर में अंतिम संस्कार
– हरियाणा के मशहूर गायक राजू पंजाबी का पैतृक गांव रावतसर में संस्कार
हनुमानगढ़. रावतसर कस्बे के मूल निवासी और हरियाणा के हिसार में रहने वाले हरियाणवी गायक कलाकार राजू पंजाबी का मंगलवार सुबह दुखद निधन हो गया। इसकी सूचना मिलते ही कस्बे में शोक की लहर दौड़ गई। हरियाणा संगीत जगत के साथ कस्बे के संगीत प्रेमियों में भी मातम छा गया। मंगलवार सुबह राजू पंजाबी की पार्थिव देह को उनके रावतसर स्थित पैतृक घर लाया गया। जैसे ही राजू पंजाबी की पार्थिव देह को यहां लाया गया तो परिजनों का करुण क्रंदन देखकर हर शख्स की आंखें नम हो गई। मंगलवार दोपहर 22 एजी रोड स्थित शमशान घाट में अंतिम संस्कार किया गया। राजू पंजाबी के अन्तिम संस्कार में हरियाणा, पंजाब के दर्जनों सिंगर एवं हजारों प्रशंसक मौजूद रहे।
यूं बन गया राजू पंजाबी
रावतसर के सामान्य परिवार में गोविन्दराम वर्मा के घर में जन्मे राजू पंजाबी को बचपन से ही गायन का शौक था। पंजाब में तामकोट, मुक्तसर में अपनी बहन के पास पढ़ाई के लिए गया तो वहां पंजाबी में भजन गाने लगा। इसके बाद वापस रावतसर में पढ़ाई शुरू की। चौधरी बाल उमावि के डायरेक्टर रघुवीरसिंह तरड़ ने राजू पंजाबी के परिवार की कमजोर आर्थिक स्थिति व उसमें छिपी गायन प्रतिभा को देखते हुए उसे गोद लेकर नि:शुल्क पढ़ाने व गायन क्षेत्र में आगे बढ़ाने का निर्णय लिया। रावतसर क्षेत्र में पंजाबी में भजन गाने के बाद उसका नाम राजू पंजाबी पड़ गया। पांचवीं कक्षा में राजू पंजाबी ने तेरे तो ही मुर्गा ही चंगा जो सवेर चार बजे बांग मारदा गाना गाया। इसके बाद उसको पढ़ाई के साथ साथ गायन की भी तैयाारियां करवाई गई। स्कूल में पढ़ते समय सरकारी साक्षरता के जागरुकता अभियान में नौ वर्षीय राजू पंजाबी लोगों को प्रेरित करते हुए शिक्षा से जुड़े गाने गाता तो लोग खासा प्रभावित होते थे।
कई दिनों से थे बीमार
राजू पंजाबी पिछले कई दिनों से हेपेटाइटस से पीडि़त थे। उनका हिसार के निजी अस्पताल में उपचार चल रहा था। मंगलवार सुबह करीब चार बजे उन्होंने अस्पताल में अंतिम सांस ली। संगीत प्रेमियों के पास जैसे ही राजू पंजाबी के निधन का समाचार पहुंचा तो शोक फैल गया। तेजी से सोशल मीडिया पर यह सूचना वायरल हो गई।
चार भाई, दो पुत्रियां
राजू पंजाबी अपने चार भाइयों में दूसरे नंबर का था। राजू पंजाबी व उसका छोटा भाई बलवन्त हिसार में रहते थे। जबकि बड़ा भाई सुरेन्द्र व पवन उर्फ एमपी रावतसर में ही रहते हैं। राजू पंजाबी का विवाह तदूरवाली निवासी ममता से हुआ। उनके दो पुत्रियां हैं, बड़ी बेटी बिन्दू 12 वर्ष व छोटी बेटी नोपिता 4 वर्ष की है। राजू पंजाबी की माता का देहान्त कारोना काल में हो गया था तथा पिता की मृत्यु काफी वर्ष पूर्व हो गई थी।
पहला हरियाणवी पॉप सिंगर
वर्ष 2000 में जब ऑडियो कैसेट का व्यापार काफी विस्तृत था, उस समय एक कंपनी ने छह हजार रुपए में अनुबंध कर पहला ऑडियो कैसेट रिलीज किया। धीरे-धीरे ख्याति फैली और राजू पंजाबी संगीत की दुनिया में पैर जमाने लगा। वर्ष 2012 में राजू पंजाबी हिसार चला गया। वह हरियाणवी लोक संगीत को गाने लगा। राजू पंजाबी को पहला हरियाणवी पॉप सिंगर कहा जाता है जिन के गाए गाने देश ही नहीं विदेशों में भी धूम मचाते हैं। मेधावी इतने कि उनका संगीत खुद राजू पंजाबी तैयार करते थे। राजू पंजाबी का परिवार निम्न मध्यम वर्गीय है। राजू पंजाबी ने अपनी प्रतिभा के बल पर बुलंदियों का एक नया आसमान गढ़ा।

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