हनुमानगढ़

अब आसानी से नहीं गटक सकेंगे किसानों की मेहनत की कमाई, बैंकों की तर्ज पर समितियों में होंगे काम

पुरुषोत्तम झा. हनुमानगढ़. राजस्थान की सात हजार से अधिक ग्राम सेवा सहकारी समितियों को ऑनलाइन करने के कार्य को जमीन पर उतारने का काम अंतिम चरण में है।

हनुमानगढ़Dec 10, 2024 / 10:03 pm

Purushottam Jha

अब आसानी से नहीं गटक सकेंगे किसानों की मेहनत की कमाई, बैंकों की तर्ज पर समितियों में होंगे काम

पुरुषोत्तम झा. हनुमानगढ़. राजस्थान की सात हजार से अधिक ग्राम सेवा सहकारी समितियों को ऑनलाइन करने के कार्य को जमीन पर उतारने का काम अंतिम चरण में है। करीब तीस प्रतिशत समितियां ऑनलाइन हो चुकी है। प्रदेश में करीब एक दर्जन समितियों की ऑनलाइन ऑडिट हो चुकी है। इससे अब जल्द इन समितियों में बैंकों की तर्ज पर काम शुरू होगा। जिला स्तरीय अधिकारी हर दिन समितियों में होने वाले कारोबार पर नजर रख सकेंगे। इससे समितियों में वित्तीय अनियमितता कम होगी। व्यवस्थापक अब किसानों की मेहनत की कमाई को आसानी से नहीं डकार पाएंगे। समितियों के ऑनलाइन होने से एफडीआर, फसली ऋण लेने, जमा करवाने सहित अन्य कार्य ऑनलाइन होने से लेनदेन में गड़बड़ी की घटनाएं कम होंगी। इससे पहले समितियों में ऋण वितरण, एफडीआर करने, खाद-बीज विक्रय आदि की सूचनाएं ऑफलाइन ही तैयार की जाती थी। कुछ जगहों पर कार्यरत व्यवस्थापक किसानों की ओर से जमा राशि में काफी हेरफेर कर लेते थे। प्रदेश की सैंकड़ों समितियों में इस तरह की शिकायतें आती रही है। इसे देखते हुए सरकार ने अब समितियों को ऑनलाइन करने की योजना बनाई है। जिस पर काम अंतिम चरण में चल रहा है। जानकारी के अनुसार राशि में हेरफेर की शिकायत पर सहकारिता विभाग के अधिकारी व सहकारी बैंक स्टॉफ जांच के लिए जाता था तो कई तरह के कागजातों को जांचना पड़ता था। इसमें काफी वक्त लगता था। परंतु अब समितियों को ऑनलाइन करने से अधिकारियों को हर दिन होने वाले कारोबार की सूचना एक क्लिक पर मिल जाएगी। ऑडिट रिपोर्ट भी ऑनलाइन होने से इसका प्रतिदिन मिलान करना आसान होगा। समिति में कार्यरत व्यवस्थापक बैक डेट में किसी तरह की इंट्री नहीं कर सकेंगे। इस तरह लेनदेन पूरी तरह से पारदर्शी तरीके से हो सकेगा।
तभी लगेंगे सपनों को पंख
राज्य सरकार ने एक एजेंसी से अनुबंध कर प्रदेश की सभी ग्राम सेवा सहकारी समितियों में कम्यूटर सैट, बायोमैट्रिक डिवाइस, यूपीएस तथा प्रिंटर का सैट उपलब्ध करवाया है। सभी व्यवस्थापकों को ऑनलाइन कार्य करने की ट्रेनिंग भी दी गई है। अंतिम प्रशिक्षण जल्द देकर समितियों में ऑनलाइन कारोबार शुरू करने की तैयारी है। फिलहाल सरकार ने ऑनलाइन कार्य के लिए केवल व्यवस्थापकों को ही ट्रेंड किया है। परंतु लंबे समय तक समितियों को अपडेट रखने के लिए हर समिति स्तर पर तकनीक की जानकारी रखने वाले स्टॉफ की नियुक्ति करनी होगी। तभी सहकारिता के सपनों को पंख लग सकेंगे।

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