हनुमानगढ़

पानी का गणित ठीक करने में जुटे अफसर

हनुमानगढ़. बीते मानसून सीजन में पौंग व भाखड़ा बांध में इस बार अपेक्षित रूप से पानी की आवक नहीं हुई। इस वजह से इंदिरागांधी नहर के रेग्यूलेशन की स्थिति साफ नहीं हो पा रही है। वर्तमान में २१ नवम्बर २०२४ तक का रेग्यूलेशन मंजूर है।

हनुमानगढ़Nov 12, 2024 / 07:34 pm

Purushottam Jha

इंदिरागांधी नहर

हनुमानगढ़. बीते मानसून सीजन में पौंग व भाखड़ा बांध में इस बार अपेक्षित रूप से पानी की आवक नहीं हुई। इस वजह से इंदिरागांधी नहर के रेग्यूलेशन की स्थिति साफ नहीं हो पा रही है। वर्तमान में २१ नवम्बर २०२४ तक का रेग्यूलेशन मंजूर है। इसके बाद का रेग्यूलेशन स्वीकृत करवाने के लिए १४ नवम्बर को जंक्शन के जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता कार्यालय में जल परामर्शदात्री समिति की बैठक बुलाई गई है। इसमें विधायक, सांसद, विभागीय अधिकारी मिलकर पानी की आवक की समीक्षा करेंगे। इसके आधार पर आगे के रेग्यूलेशन को मंजूरी देंगे। फिलहाल जिस तरह से बांधों में पानी की आवक हो रही है, उसे कुछ ज्यादा अच्छा नहीं कह सकते। मानसून सीजन संपन्न होने के बाद तीस सितम्बर २०२४ को हुई जल परामर्शदात्री समिति की बैठक में २१ नवम्बर तक इंदिरागंाधी नहर को तीन में एक समूह में चलाने का रेग्यूलेशन मंजूर किया गया था।
इस रेग्यूलेशन के अनुसार ड्राइ सीजन में ३९ प्रतिशत पानी की आवक को संभावित माना गया था। परंतु १२ नवम्बर तक केवल ३४ प्रतिशत पानी की आवक हो पाई है। इस तरह शॉर्टफॉल का प्रतिशत अब ४५ प्रतिशत की तरफ जा रहा है। इस स्थिति में जल परामर्शदात्री समिति की बैठक में आईजीएनपी के वर्तमान रेग्यूलेशन को आगे के लिए भी यथावत रखे जाने का निर्णय लिया जाता है या फिर कटौती करके रेग्यूलेशन बदलने का फैसला होता है, इसका निर्णय बैठक संपन्न होने के बाद ही लिया जाएगा। जल संसाधन विभाग के अधिकारी अब पानी का गणित ठीक करने में लगे हुए हैं। साथ ही पंजाब के साथ भी समन्वय बनाकर रेग्यूलेशन के अनुसार पानी चलवाने का आग्रह कर रहे हैं। ताकि किसान समय पर रबी फसलों की बिजाई पूरी कर सकें। जल संसाधन विभाग हनुमानगढ़ के अधीक्षण अभियंता केएल बैरवा के अनुसार अभी तय रेग्यूलेशन की तुलना में शॅार्ट फॉल चल रहा है। जल परामर्शदात्री समिति की बैठक में उपलब्ध पानी के आधार पर आगे का रेग्यूलेशन तैयार किया जाएगा। इस नहर से हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, बीकानेर, जैसलमेर, चूरू व नागौर सहित प्रदेश के १५ जिलों की प्यास बुझ रही है।
इतना कम पानी मिला
इस बार रावी व्यास से राजस्थान को करीब १३ लाख क्यूसेक डेज पानी आवंटित होने की सूचना है। गत वर्ष करीब १८ लाख क्यूसेक डेज पानी राजस्थान को आवंटित किया गया था। इस शेयर के अनुसार अबकी बार राजस्थान की इंदिरागांधी नहर का हिस्सा करीब नौ लाख क्यूसेक डेज बना। जबकि गत वर्ष करीब १४ लाख क्यूसेक डेज आईजीएनपी को मिला था। इस बार पौंग तथा भाखड़ा बांध का जल स्तर कम होने की वजह से जल संकट की स्थिति बनी हुई है। किसान संगठन रबी फसलों की बिजाई के लिए इंदिरागांधी नहर को चार में दो समूह में पानी चलाने की मांग कर रहे हैं। जबकि पानी की कमी के चलते वर्तमान में नहर को तीन में एक समूह में चलाया जा रहा है।

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