हनुमानगढ़

किसानों के विरोध के चलते स्थगित करनी पड़ी जमीन की नीलामी

हनुमानगढ़. बैंकों की कर्ज वसूली के लिए सोमवार को हनुमानगढ़ तहसीलदार कार्यालय में प्रस्तावित कृषि भूमि नीलामी प्रक्रिया संयुक्त किसान मोर्चा सदस्यों के विरोध के चलते स्थगित करनी पड़ी।

हनुमानगढ़Aug 16, 2021 / 10:33 pm

adrish khan

किसानों के विरोध के चलते स्थगित करनी पड़ी जमीन की नीलामी

किसानों के विरोध के चलते स्थगित करनी पड़ी जमीन की नीलामी
– बोले किसान, सिंचाई के लिए नहीं पानी, बिना फसल कहां से चुकाए कर्ज
– जिला कलक्टर का आदेश, केस टू केस स्टडी के आधार पर किसानों को राहत
हनुमानगढ़. बैंकों की कर्ज वसूली के लिए सोमवार को हनुमानगढ़ तहसीलदार कार्यालय में प्रस्तावित कृषि भूमि नीलामी प्रक्रिया संयुक्त किसान मोर्चा सदस्यों के विरोध के चलते स्थगित करनी पड़ी। इसकी पहले ही घोषणा कर दी गई थी। सोशल मीडिया पर संयुक्त किसान मोर्चा कार्यकर्ताओं ने चेतावनी भी जारी कर दी थी कि किसानों की जमीन नीलामी में खरीदने के लिए सोच-समझकर जाए। जैसे ही नीलामी की प्रक्रिया प्रारंभ की गई रघुवीर वर्मा व जगजीतसिंह जग्गी के नेतृत्व में कार्यकर्ता तहसीलदार कार्यालय में घुस गए तथा धरना शुरू कर दिया। विरोध प्रदर्शन करते हुए कहा कि भूमि नीलामी नहीं होने दी जाएगी। कार्यालय में काफी देर तक नारेबाजी चलती रही। इस दौरान किसानों की भीड़ मौके पर बढ़ती गई। एसडीएम अवि गर्ग ने भरोसा दिलाया कि लघु व सीमांत किसान की भूमि नीलामी नहीं होगी।
इसके बाद किसान तहसीलदार कार्यालय से बाहर आ गए तथा कलक्ट्रेट के मुख्य दरवाजे पर सभा की। इसमें रामेश्वर वर्मा ने कहा कि किसी भी सूरत में भूमि नीलाम नहीं होने देंगे। लघु व सीमांत किसान को फसल का पूरा दाम नहीं मिल रहा है। चुनाव में केन्द्र व राज्य सरकारों ने घोषणा की थी कि किसान का सम्पूर्ण कर्जा माफ होगा जो आज तक नहीं हुआ है। सरकार अपने वादे से मुकर रही है। मगर किसान एकजुट हैं, भूमि की नीलामी नहीं होने देंगे। सभा में जग्गजीत सिंह, ओम स्वामी, मोहन लोहरा वेद मक्कासर, गोपाल बिश्नोई, सुरेन्द्र शर्मा, कपिल हुड्डा पीलीबंगा, विकास गोदारा पीलीबंगा, रेशम सिंह सराभावाला, राधेश्याम, करनवीरसिंह डबली, लखबीर सिंह गुरुसर, गुरविंद्र सिंह, अमन, बलवीर सिंह, गगनदीप सिंह, भूपेंद्र रमाना, सुखवंत सिंह, रजनदीप सिंह, रायसाहब, बीएस पेंटर, संजय जाखड़ आदि शामिल हुए।
फिर मिलेगी राहत
जिला कलक्टर नथमल डिडेल ने पत्रिका को बताया कि कोरोनाकाल सहित अन्य दिक्कतों को देखते हुए किसानों को राहत दी जा रही है। बैंकों की कर्ज वसूली के लिए भूमि नीलामी प्रक्रिया से पहले केस टू केस स्टडी के आधार पर संकटग्रस्त किसानों को समय दिया जाएगा। किसानों को कर्ज चुकाने में आसानी हो, उसके लिए प्रयास किया जा रहा है।
दिसम्बर तक मिले छूट
डीवाईएफआई के प्रदेशाध्यक्ष जगजीतसिंह जग्गी ने कहा कि जनवरी-फरवरी के बाद जल संसाधन विभाग ने सिंचाई पानी के लिए रेग्यूलेशन ही नहीं बनाया। इसका मतलब है कि किसानों को सिंचाई के लिए पानी नहीं मिला। जब पानी नहीं तो फसल कहां से होगी। फसल नहीं तो कर्ज कहां से चुकाएंगे। इसलिए किसानों को दिसम्बर तक भूमि नीलामी आदि से छूट दी जाए ताकि वह अपना कर्ज चुका सके।

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