इधर, जिला अस्पताल का प्लान तैयार, अप्रूवल का इंतजार
सूत्रों की माने तो केंद्र सरकार की अधीन कार्यकारी एजेंसी के अधिकांश कर्मचारी कोरोना वायरस की चपेट में आ गए थे। इसकी वजह से मेडिकल कॉलेज निर्माण की कागजी प्रक्रिया धीमी हो गई थी। इसी के कारण ही टाउन स्थित जिला अस्पताल की इमारत को छह मंजिला करने की योजना भी अभी तक सिरे नहीं चढ़ी है। कमेटी के सदस्यों के अनुसार तैयार की योजना तय है, लेकिन अभी तक तकनीकी विभाग की टीम से अनुमति लेना शेष है। जिले का पहला ऐसा अस्पताल होगा जिसकी इमारत छह मंजिला होगी। टाउन स्थित महात्मा गांधी अस्पताल में करीब बीस वार्ड करनी योजना है, इनमें बेड की संख्या 430 होगी। छह मंजिला इमारत में जनरल मेडिसन के चार वार्ड होंगे। प्रत्येक वार्ड में 25 बेड होंगे, जनरल सर्जरी के भी चार वार्ड होंगे, इनमें बेड की संख्या सौ होगी। बच्चों के इलाज के लिए दो वार्ड होंगे, प्रत्येक वार्ड में 50 बच्चों को भर्ती करने की सुविधा होगी। 50-50 बेड की क्षमता के दो जेएसएसवाई वार्ड होंगे। कान-नाक व गले से संबंधित रोगी के इलाज के लिए अलग से एक वार्ड होगा, इसमें बेड की संख्या दस होगी। इसके अलावा आखों के रोगियों के परामर्श व भर्ती करने की एक यूनिट होगी। अस्पताल परिसर का क्षेत्रफल कम होने के कारण
एलीवेटेड पार्किंग की योजना तैयार की गई है।
सूत्रों की माने तो केंद्र सरकार की अधीन कार्यकारी एजेंसी के अधिकांश कर्मचारी कोरोना वायरस की चपेट में आ गए थे। इसकी वजह से मेडिकल कॉलेज निर्माण की कागजी प्रक्रिया धीमी हो गई थी। इसी के कारण ही टाउन स्थित जिला अस्पताल की इमारत को छह मंजिला करने की योजना भी अभी तक सिरे नहीं चढ़ी है। कमेटी के सदस्यों के अनुसार तैयार की योजना तय है, लेकिन अभी तक तकनीकी विभाग की टीम से अनुमति लेना शेष है। जिले का पहला ऐसा अस्पताल होगा जिसकी इमारत छह मंजिला होगी। टाउन स्थित महात्मा गांधी अस्पताल में करीब बीस वार्ड करनी योजना है, इनमें बेड की संख्या 430 होगी। छह मंजिला इमारत में जनरल मेडिसन के चार वार्ड होंगे। प्रत्येक वार्ड में 25 बेड होंगे, जनरल सर्जरी के भी चार वार्ड होंगे, इनमें बेड की संख्या सौ होगी। बच्चों के इलाज के लिए दो वार्ड होंगे, प्रत्येक वार्ड में 50 बच्चों को भर्ती करने की सुविधा होगी। 50-50 बेड की क्षमता के दो जेएसएसवाई वार्ड होंगे। कान-नाक व गले से संबंधित रोगी के इलाज के लिए अलग से एक वार्ड होगा, इसमें बेड की संख्या दस होगी। इसके अलावा आखों के रोगियों के परामर्श व भर्ती करने की एक यूनिट होगी। अस्पताल परिसर का क्षेत्रफल कम होने के कारण
एलीवेटेड पार्किंग की योजना तैयार की गई है।