scriptGWALIOR HIGH COURT- आपके आयुक्त A/C में बैठे हैं, शहर के हाल देखने नहीं निकल रहे हैं, गड्ढो से न सडक़ों पर चल पा रहे, जगह-जगह कचरे के ढेर लगे | Your commissioner is sitting in A/, he is not coming out to see the condition of the city, one cannot walk on the roads because of the potholes, heaps of garbage are lying everywhere | Patrika News
ग्वालियर

GWALIOR HIGH COURT- आपके आयुक्त A/C में बैठे हैं, शहर के हाल देखने नहीं निकल रहे हैं, गड्ढो से न सडक़ों पर चल पा रहे, जगह-जगह कचरे के ढेर लगे

हाईकोर्ट की एकल पीठ ने शहर की बदहाली पर तल्ख टिप्पणी की है। कोर्ट ने नगर निगम के अधिवक्ता से कहा कि आपके आयुक्त एसी केबिन में बैठे हैं। गड्ढों से शहर की सडक़ों पर नहीं चल पा रहे हैं। सडक़ों पर जगह-जगह कचरे के ढेर लगे हुए हैं। नालियां कचरे से भरी है। हम […]

ग्वालियरSep 11, 2024 / 11:34 am

Balbir Rawat

The single bench of the High Court has commented harshly on the plight of the city. The court told the Municipal Corporation's advocate that your commissioner is sitting in an AC cabin. Unable to walk on city roads due to potholes. There are heaps of garbage everywhere on the roads. The drains are full of garbage.

हाईकोर्ट की एकल पीठ ने शहर की बदहाली पर तल्ख टिप्पणी की है। कोर्ट ने नगर निगम के अधिवक्ता से कहा कि आपके आयुक्त एसी केबिन में बैठे हैं। गड्ढों से शहर की सडक़ों पर नहीं चल पा रहे हैं। सडक़ों पर जगह-जगह कचरे के ढेर लगे हुए हैं। नालियां कचरे से भरी है।

हाईकोर्ट की एकल पीठ ने शहर की बदहाली पर तल्ख टिप्पणी की है। कोर्ट ने नगर निगम के अधिवक्ता से कहा कि आपके आयुक्त एसी केबिन में बैठे हैं। गड्ढों से शहर की सडक़ों पर नहीं चल पा रहे हैं। सडक़ों पर जगह-जगह कचरे के ढेर लगे हुए हैं। नालियां कचरे से भरी है। हम भी इस स्थिति को देख रहे हैं। आयुक्त शहर की हालत देखने के लिए नहीं निकल रहे हैं। यही हाल रहा तो मुख्य सचिव को लिखेंगे। याचिका की सुनवाई अब 18 सितंबर को है।
दरअसल जीएलआर रियल इस्टेट ने सिथौली रोड पर कॉलोनी विकसित की है। बिल्डर ने नगर निगम से निर्माण की अनुमति ली। कॉलोनी के अंदर सडक़, सीवर व पानी की व्यवस्था बिल्डर करेगा। कॉलोनी के बाहर नगर निगम विकसित करेगी। इस काम के बदले में बिल्डर निगम को पैसा देगा। बिल्डर ने 65 लाख रुपए नगर निगम के पास जमा कर दिए। पैसा जमा होने के बाद नगर निगम ने काम काम पूरा नहीं किया। बिल्डर ने 2021 में पहली बार याचिका दायर की। पहली याचिका में नगर निगम ने हाईकोर्ट में जवाब दिया कि अंदर काम पूरा नहीं हुआ है। अंदर का काम पूरा होने के बाद बाहर का काम हो सकेगा। कोर्ट ने याचिका निराकरण कर दिया। बिल्डर ने अंदर का काम पूरा करने के बाद बाहर का काम पूरा करने के लिए निगम को अवगत कराया, लेकिन निगम ने काम नहीं किया। इसके चलते 2024 में में फिर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की। हाईकोर्ट ने नगर निगम के अधिवक्ता से कहा कि सकारात्मक शपथ पत्र पेश किया जाए। नहीं तो आयुक्त को न्यायालय में उपस्थित रखें। नगर निगम आयुक्त ने शपथ पत्र पर गोलमोल जवाब दिया, जिसको लेकर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए शहरी की हालत से अवगत कराया।

निगम का तर्क कि फंड नहीं, नया प्रस्ताव भोपाल भेजेंगे

निगम – नगर निगम की ओर से हाईकोर्ट में तर्क दिया कि काम कराने के लिए फंड नहीं है। स्वर्ण रेखा में सीवर लाइन डालने का प्रस्ताव तैयार किया है। इस प्रस्ताव को मंजूर करने के बाद शासन को फंड के लिए भेजेंगे।
कोर्ट- निगम का तर्क सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि आप चार साल तक काम नहीं कर पाओगे।

निगम: टाउनशिप के अंदर का काम खत्म नहीं हुआ है। पानी व सीवर की व्यवस्था खुद कर ली है। अंदर एसटीपी भी लगा है। इतनी आपात स्थिति नहीं है।
कोर्ट- सिर्फ आंखों की धूल साफ करने का काम कर रहे हो। जब आप काम नहीं कर सकते थे तो पैसे क्यों लिए गए।

शहर की बदहाल हालत पर कोर्ट की टिप्पणी

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