ग्वालियर

बिना प्लानिंग के खोल दिया महिला घोसीपुरा स्टेशन, व्यवस्थाएं नहीं दे पाए तो हटाना पड़ा महिलाओं को

महिला दिवस पर 20 दिन पहले ही महिला स्टेशन किया था घोषित- महिला स्टेशन मास्टर और पॉइंटमैन की हो पाई थी तैनाती

ग्वालियरMar 28, 2019 / 12:46 am

प्रशांत शर्मा

बिना प्लानिंग के खोल दिया महिला घोसीपुरा स्टेशन, व्यवस्थाएं नहीं दे पाए तो हटाना पड़ा महिलाओं को

ग्वालियर. महिला दिवस के अवसर पर शहर के घोसीपुरा स्टेशन को रेलवे ने महिला स्टेशन का दर्जा दिया। इसके तहत इस स्टेशन पर सभी कार्य महिलाओं को ही करने थे, लेकिन ऐसा हो नहीं सका और व्यवस्था लागू होने के 20 दिन बाद महिला कर्मचारियों को वापस पुरानी जगह ही भेज दिया। रेलवे अधिकारियों की बिना प्लानिंग के चलते रेलवे ने यह कदम उठाया। रेलवे ने आनन-फानन में पहले ही दिन 8 मार्च को इस स्टेशन पर स्टेशन मास्टर के रूप में ज्योति श्रीवास्तव और पॉइंटमैन के रूप में मनीषा कुशवाह को तैनात किया गया था, लेकिन इस स्टेशन पर सुरक्षा के साथ अन्य व्यवस्थाएं न होने के कारण महिलाओं को यहां पर काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। इसकी शिकायत भी महिला कर्मचारियों ने रेलवे के उच्च अधिकारियों से की थी। इसके बाद रेलवे ने दोनों ही महिलाओं को बुधवार को वापस रेलवे स्टेशन पर अपनी पुरानी जगह पर ही भेज दिया। अब घोसीपुरा स्टेशन पर एक बार फिर से स्टेशन मास्टर हेमंत भटनागर को तैनात किया गया है।
छह ट्रेनें निकलती हैं दिनभर में
इस स्टेशन पर दिनभर में छह नैरोगेज टे्रनों का संचालन होता है। रात को सबसे आखिरी ट्रेन का समय सबलगढ़ से रात 7.40 बजे आने का है, लेकिन दो साल से ट्रेन रात 9 बजे तक ही आ पाती है। इसके बाद ही स्टेशन बंद होता है। स्टेशन पर बिजली की व्यवस्था न होने से वहां अंधेरा पसरा रहता है। ऐसे में महिला कर्मचारी कहीं से भी सुरक्षित नहीं थी। वहीं रेलवे अभी तक महिला बुकिंग क्लर्क की भी नियुक्ति नहीं कर पाई थी। इसके चलते दोनों ही महिलाओं पर वर्कलोड ज्यादा था।
अंधेरा होते ही नशेड़ी होते हैं जमा
घोसीपुरा स्टेशन के आसपास कई बस्तियां हैं। शाम होते ही यहां के लोग स्टेशन कैंपस के पास आकर नशा करते हैं। स्टेशन पर बाउंड्री न होने के कारण हर कोई यहां पर आता जाता रहता है। इससे पुरुष स्टाफ भी काफी परेशान रहता है, लेकिन रेलवे ने तो महिलाओं को यहां पर बैठा रखा था। इससे भी महिलाएं परेशान थीं।
पीने के पानी की नहीं सुविधा
इस स्टेशन पर यात्रियों के साथ रेलवे कर्मचारियों के लिए पीने के पानी की कोई भी व्यवस्था नहीं है। पानी के लिए स्टेशन पर कुछ मटके रखकर लोग अपनी प्यास बुझा लेते हैं, लेकिन गर्मी में यहां पर पानी की बड़ी समस्या पैदा हो जाती है। ऐसे में महिला कर्मचारियों को यहां तैनात करने से पहले सभी व्यवस्थाएं पूरी करना थी।
आरपीएफ से नहीं मांगा था स्टाप
रेलवे ने जल्दबाजी में इस स्टेशन को महिला स्टेशन का दर्जा तो दे दिया था, लेकिन सुरक्षा के नाम पर हमसे अभी तक महिला कर्मचारियों की मांग नहीं की गई थी। वैसे भी हमारे पास महिला कर्मचारियों की कमी है। ऐसे में आरपीएफ भी पूरे समय के लिए यहां पर महिलाओं को तैनात नहीं कर सकती है।
आनंद पांडेय, टीआई, आरपीएफ
इनका कहना है
घोसीपुरा स्टेशन पर तैनात महिला कर्मचारियों को अपरिहार्य कारणों से हटाया गया है। जल्द ही महिला कर्मचारियों की व्यवस्था करके घोसीपुरा महिला स्टेशन पर महिलाओं की व्यवस्था कराई जाएगी।

मनोज कुमार सिंह, पीआरओ
 

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