ग्वालियर। भैय्या! हमारे गांव में जिंदा रहने का संकट आ खड़ा हुआ है। हालात यह हैं कि पेट भरने के लिए रोजगार तो दूर की बात पीने के लिए पानी तक नहीं है। इस कारण कि इंसान और मवेशी भी पलायन करने को मजबूर हैं। ऐसे में घर में चोरी के लिए कुछ और तो बचा नहीं है, पानी ही है जिसकी रोजाना चोरी हो जाती है। यही कारण है कि घर में भले ही ताला न लगाएं लेकिन पानी पर ताला लगाना नहीं भूलते। यह भी पढ़ें- मनमानी के नलकूप खनन पर होगी दंडात्मक कार्रवाई यह है शिवपुरी का तिघरा गांव जहां हैंडपंप, कुएं, बोर में पानी नहीं है। गांव में स्थित विमल व पहवान के बोर से पूरा गांव पानी भरता है। कोई व्यक्ति अपनी प्यास बुझाने के लिए पानी को चोरी न कर ले इसलिए हर व्यक्ति पानी की टंकियों पर ताला लगाकर रखता है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि वह पानी को ताले में नहीं रखेंगे, तो उनका पानी चोरी हो जाता है। गांव में पानी न होने के कारण अब तक सैकड़ों मवेशियों की प्यास से तड़प-तड़प कर मौत हो चुकी है।ग्रामीणों ने मवेशियों की जान बचाने सैकड़ों मवेशियों को दूसरे गांवों में अपने रिश्तेदारों के यहां भेज दिया है। यह बात अधिकारियों के संज्ञान में होने के बावजूद हर कोई मौन साधे हुए है।यह भी पढ़ें- पॉउच वाला पानी पीते हैं तो हो जाइये सावधान!ये है गांव के हालात1. गांव में 5 हैंड पंप, किसी भी हैंड पंप में नहीं पानी।2. गांव के एक भी कुएं में नहीं है पानी।3. गांव के सिर्फ दो ग्रामीणों के बोरों में पानी, जहां से पूरा गांव भरता है पानी।4. जल संकट से निपटने लाखों का आया बजट, एक रुपया भी नहीं किया खर्च।5. पंचायत के पास टैंकर होने के बावजूद, शो-पीस बना हुआ है टैंकर।