शहीद रामकिशन सिंह का पार्थिव शरीर बुधवार को ग्वालियर पहुंचने की संभावना है। जहां से उनके पैतृक गांव तरसमा में उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। तरसमा गांव निवासी रामकिशन सिंह तोमर सीआरपीएफ में छत्तीसगढ़ के सुकमा में पदस्थ थे। मंगलवार को नक्सलियों से मुठभेड़ के दौरान रामकिशन सिंह सहित आठ जवान शहीद हो गए। शहीद रामकिशन सिंह का परिवार ग्वालियर में निवास करता है। उनके परिवार में मां रामबाई, पत्नी प्रभा देवी व एक बेटा विनय (१७) व बेटी पिंकी (२०) है। मां रामबाई अपने दो बेटों के साथ गांव तरसमा में ही निवास करती है।
उधर रामकिशन सिंह के शहीद होने की सूचना गांव में पहुंचती तो शोक की लहर दौड़ गई। बताया जाता है कि बुधवार को उनका पार्थिव शरीर ग्वालियर पहुंच सकता है। वहीं छत्तीसगढ़ के सुकमा अंतर्गत किस्टाम में हुए नक्सली हमले में भिण्ड के ३२ वर्षीय सपूत ने भी शहादत दे दी है। बुधवार को उसका पार्थिव शरीर गृहनगर लाया जाएगा। सीआरपीएफ की २१२ कोबरा बटालियन में तैनात जितेंद्र सिंह कुशवाह पुत्र रामबीर सिंह कुशवाह निवासी ब्रह्मपुरी भिण्ड मंगलवार दोपहर साथियों के साथ सर्चिंग पर जा रहे थे तभी नक्सलियों ने लैंडमाइन के जरिए उनके वाहन को विस्फोट कर उड़ा दिया। हमले में आठ जवान शहीद हो गए जिनमें जितेंद्र कुशवाह का भी नाम शामिल है।
मौत की खबर सुनते ही छा गया इलाके में मातम
जितेंद्र सिंह की मौत की खबर जैसे ही परिजनों को लगी तो न केवल उनके घर पर बल्कि इलाके में मातम छा गया। यहां बता दें कि जितेंद्र सिंह २००५ में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे। जिनका विवाह वर्ष २०११ में हुआ था। जितेंद्र अपने पीछे माता-पिता और पत्नी सोनम के अलावा बेटी रुचि ०४, शहजल ०३ व बेटा आशुतोष ०२ वर्ष को बिलखता छोड़ गए हैं।
घर पर होली का पर्व मनाने के बाद ११ मार्च को गए थे ड्यूटी पर
जितेंद्र सिंह अंतिम बार २५ दिन का अवकाश लेकर अपने घर आए थे। होली का पर्व मनाने के बाद छुट्टियां पूरी होने पर वे ११ मार्च को छत्तीसगढ़ के लिए ड्यूटी पर रवाना हो गए थे। घर से जाते वक्त बीवी बच्चों और माता-पिता को क्या पता था कि जितेंद्र सिंह कुशवाह इस बार जाने के बाद फिर कभी वापिस नहीं लौटेंगे।
जितेंद्र सिंह अंतिम बार २५ दिन का अवकाश लेकर अपने घर आए थे। होली का पर्व मनाने के बाद छुट्टियां पूरी होने पर वे ११ मार्च को छत्तीसगढ़ के लिए ड्यूटी पर रवाना हो गए थे। घर से जाते वक्त बीवी बच्चों और माता-पिता को क्या पता था कि जितेंद्र सिंह कुशवाह इस बार जाने के बाद फिर कभी वापिस नहीं लौटेंगे।
राजकीय सम्मान के साथ लाया जाएगा
सुकमा में नक्सली हमले में मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में रहने वाले सीआरपीएफ के एएसआई रामकिशन सिंह तोमर और भिंड जिले में कांस्टेबल जितेंद्र सिंह भी शहीद हुए हैं। बताया गया है कि शहीद जवानों के शव हेलीकॉप्टर से अभी मुखालय लाया गया है। इसके बाद जवानों के शवों को राजकीय सम्मान के साथ उनके गृह जिलों में भेजा जाएगा। जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
सुकमा में नक्सली हमले में मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में रहने वाले सीआरपीएफ के एएसआई रामकिशन सिंह तोमर और भिंड जिले में कांस्टेबल जितेंद्र सिंह भी शहीद हुए हैं। बताया गया है कि शहीद जवानों के शव हेलीकॉप्टर से अभी मुखालय लाया गया है। इसके बाद जवानों के शवों को राजकीय सम्मान के साथ उनके गृह जिलों में भेजा जाएगा। जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
विधायक लहार एवं कलेक्टर भिण्ड ने शोक जताया
खबर मिलने के उपरांत लहार विधायक डॉ. गोविंद सिंह एवं कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने जितेंद्र सिंह की शहादत पर शोक व्यक्त किया है। उनके परिजनों को इस गहन दु:ख को सहन करने ईश्वर से प्रार्थना की है। डॉ. सिंह ने जहां नक्सली हमलों पर विराम नहीं लग पाने को सरकार की विफलता बताया है वहीं कलेक्टर ने शहीद जितेंद्र को अपने जिले का नाम रोशन करने वाले वीर बताया है।
खबर मिलने के उपरांत लहार विधायक डॉ. गोविंद सिंह एवं कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने जितेंद्र सिंह की शहादत पर शोक व्यक्त किया है। उनके परिजनों को इस गहन दु:ख को सहन करने ईश्वर से प्रार्थना की है। डॉ. सिंह ने जहां नक्सली हमलों पर विराम नहीं लग पाने को सरकार की विफलता बताया है वहीं कलेक्टर ने शहीद जितेंद्र को अपने जिले का नाम रोशन करने वाले वीर बताया है।