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बिना अथॉरिटी के बना रहे थे लाइसेंस
दोनों के पास फर्जी आइडी थी। इसके अलावा आर्मी अधिकारी की परमिशन के बिना कैंपस में ड्राइविंग लाइसेंस बना रहे थे। अब सवाल यह उठता है कि फर्जी आइडी से वह आर्मी कैंपस के अंदर कैसे घुस आए। कही इनका और कुछ प्लान तो नहीं था। पुलिस हर एंगल से उनसे पूछताछ कर रही है। टीआइ मुरार थाना अमित भदौरिया ने बताया कि आर्मी कैंपस में ड्राइविंग लाइसेंस के नाम पर ठगी करने वाले दो लोगों को गिरफ्तार किया है। दोनों के बारे में और भी जानकारी निकाली जा रही है।
बिना अथॉरिटी के बना रहे थे लाइसेंस
दोनों के पास फर्जी आइडी थी। इसके अलावा आर्मी अधिकारी की परमिशन के बिना कैंपस में ड्राइविंग लाइसेंस बना रहे थे। अब सवाल यह उठता है कि फर्जी आइडी से वह आर्मी कैंपस के अंदर कैसे घुस आए। कही इनका और कुछ प्लान तो नहीं था। पुलिस हर एंगल से उनसे पूछताछ कर रही है। टीआइ मुरार थाना अमित भदौरिया ने बताया कि आर्मी कैंपस में ड्राइविंग लाइसेंस के नाम पर ठगी करने वाले दो लोगों को गिरफ्तार किया है। दोनों के बारे में और भी जानकारी निकाली जा रही है।
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दोनों से मांगा आइडी
पुलिस के मुताबिक ईश्वर नगर डलहौजी रोड पठानकोट पंजाब निवासी अमित गुलेरिया और सोरेश बालिया शनिवार को आर्मी कैंप 11 कुमाऊ में आकर जवानों के ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की कहकर उनके मेडिकल सर्टिफिकेट तैयार कर रहे थे। इसके एवज में किसी जवान से 1800 से किसी से 4 हजार रुपए ले रहे थे। यह नायब सूबेदार बाबूलाल को पता चला तो वह मौके पर पहुंच गए। उन्होंने दोनों से आइडी मांगा। उन्होंने अपना आधार कार्ड दिया। जिस पर फोटो तो उन्हीं का था, लेकिन नाम पता किसी और का था। यह देखकर सूबेदार दंग रह गए। जिन जवानों से उन्होंने पैसे ठगे थे वो वापस लिए। इसके बाद दोनों को मुरार थाने लेकर पहुंचे। उनके पास फार्म थे उन्हें पुलिस को दिए।
दोनों से मांगा आइडी
पुलिस के मुताबिक ईश्वर नगर डलहौजी रोड पठानकोट पंजाब निवासी अमित गुलेरिया और सोरेश बालिया शनिवार को आर्मी कैंप 11 कुमाऊ में आकर जवानों के ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की कहकर उनके मेडिकल सर्टिफिकेट तैयार कर रहे थे। इसके एवज में किसी जवान से 1800 से किसी से 4 हजार रुपए ले रहे थे। यह नायब सूबेदार बाबूलाल को पता चला तो वह मौके पर पहुंच गए। उन्होंने दोनों से आइडी मांगा। उन्होंने अपना आधार कार्ड दिया। जिस पर फोटो तो उन्हीं का था, लेकिन नाम पता किसी और का था। यह देखकर सूबेदार दंग रह गए। जिन जवानों से उन्होंने पैसे ठगे थे वो वापस लिए। इसके बाद दोनों को मुरार थाने लेकर पहुंचे। उनके पास फार्म थे उन्हें पुलिस को दिए।