उधर दोनों महिला आरक्षकों को हिरासत में लेने के लिए बिलौआ पुलिस की टीम भी मुर्शिदाबाद में डेरा जमाए है। लेकिन बार्डर पर फायरिंग में बांग्लादेशी की मौत की वजह से बीएसएफ अफसरों को घटना स्थल पर जाना पड़ा है इसलिए दोनों महिला आरक्षकों पुलिस के हवाले करने की कार्रवाई देर रात तक नहीं हो सकी है।
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6 जून की सुबह संदिग्ध हालात में लापता
बीएसएफ अकादमी की एसटीसी विंग में पदस्थ आरक्षक शहाना खातून निवासी मुर्शिदाबाद (पश्चिम बंगाल) और आकांक्षा निखर निवासी जबलपुर 6 जून की सुबह संदिग्ध हालात में लापता हो गई थीं। दोनों को हवाई पट्टी से बीएसएफ अकादमी के दफ्तर भेजा गया था। लेकिन शहाना और आकांक्षा वहां नहीं पहुंची थीं। शहाना और आकांक्षा दोनों अपने मोबाइल भी अकादमी में छोड़ गई थीं। दोनों महिला आरक्षकों के लापता होने के पीछे कई कयास लगाए जा रहे थे। कुछ घंटे बाद दोनों की लोकेशन मुर्शिदाबाद में मिली थी। दोनों की तलाश में बीएसएफ और बिलौआ पुलिस की टीम यहां डेरा जमाए थीं।