ग्वालियर। मां और बहन से नजरें बचाकर 10वीं की छात्रा ने फांसी लगा ली। फंदे पर लटकने से पहले उसने घर का मेनगेट और कमरे के दरवाजे की कुंडी अंदर से बंद कर ली ताकि कोई उसे बचाने की कोशिश न करे। परिजन कह रहे हैं पुलिस चाहती तो बेटी की जान बच जाती, लेकिन पुलिसकर्मियों ने दरवाजा तोडऩे के बाद भी उसे फांसी से नहीं उतारा। सुसाइड के पीछे वजह जन्मदिन पार्टी में न जा पाना और पेपर बिगडऩा माना जा रहा है। तानसेन नगर में अखिलेश गुप्ता की बेटी मनु (16) ने सोमवार शाम कमरे में पंखे से फांसी लगाई। अखिलेश लहार बीईओ कार्यालय में बाबू हैं। पत्नी अनीता, बड़ी बेटी पूजा और मनु के साथ डॉ. संतोष अष्ठाना के मकान में किराए से रहती हैं। घर के पास ही अनीता ब्यूटी पार्लर चलाती हैं। सोमवार शाम करीब 6.30 बजे अनीता और पूजा पार्लर पर थीं। तभी मनु ने मेनगेट और कमरे का दरवाजा बंद कर फांसी लगा ली। बड़ी बहन पूजा उसे देखने ऊपरी मंजिल पर आई तो दरवाजा बंद मिला। खटखटाने पर भी मनु ने गेट नहीं खोला तो पूजा ने मां को बुलाया। खिड़की से झांककर देखा तो मनु फांसी पर लटकी मिली। कॉल और वाट्सएप डिटेल की जांच घर की तलाशी में कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। इसलिए मनु के मोबाइल फोन की कॉल डिटेल को पुलिस परख रही है। आशंका है मनु ने खुदकुशी से पहले किसी सहेली या दोस्त को कॉल या मैसेज किया हो। पुलिस पर लापरवाही का आरोप विकास गुप्ता का कहना है, भांजी मनु को फंदे पर लटके देखकर बहन अनीता ने पड़ोसियों और डायल १०० को बुलाया। पुलिस ने आकर दरवाजा तोड़ा, लेकिन मनु को फांसी से नहीं उतारा, जबकि अनीता उनसे उतारने की जिद करती रही, हो सकता है बेटी की सांसे चल रही हों, लेकिन पुलिसकर्मियों ने कानूनी कार्रवाई का हवाला देकर उनकी बात नहीं सुनी। पुलिस भी मौके पर आ गई। फिर भी मनु का शव फांसी पर लटका रहा। बर्थडे पार्टी में जाने से क्यों रोका? पुलिस का कहना है, मनु के सुसाइड की वजह अनीता और पूजा नहीं बता सकी हैं, लेकिन पूजा, मां से लगातार यही सवाल कर रही थी, इससे तो मनु को बर्थडे पार्टी में जाने देते तो शायद एेसा नहीं होता। मनु किसके जन्मदिन में जाना चाहती थी, परिवार ने अभी यह नहीं बताया। इसके अलावा उसका १०वीं का पेपर बिगडऩे का भी पता चला है। “छात्रा ने सुसाइड क्यों की, इसका पता लगाया जा रहा है। एेसा पता चला है वह किसी बर्थ-डे पार्टी में नहीं जा सकने से भी दुखी थी।” उमेश मिश्रा, टीआई ग्वालियर