एम्बुलेंस के पायलेट सेना की तरह लेस होते हैं
108 के नोडल अधिकारी आइपी निवारिया से चर्चा की तो उन्होंने इस सफलता के लिये वरिष्ठ अधिकारियों का मार्गदर्शन तथा 108 एम्बुलेंस के जांबाज पायलेट व ईएमटी जो कि पीपीई किट, मास्क, ग्लव्स से सेना की तरह लेस होते हैं उनको हमने एक ही बात दिमाग मे रखने को कहा कि जब भी आपको कॉल आए तो ये समझो कि आपके वजह से किसी के परिवार के सदस्य की जान बचने जा रही है और उन्होंने बखूबी इसको निभाया, साथ ही उन्होंने इंसीडेंट कमांडरों के सहयोग व उनके धैर्य को सफलता की वजह बताया, उन्होंने कहा कि कभी-कभी ज्यादा मरीज आने के कारण वाहन बिजी रहता उस समय थोड़ी देर हो जाती है लेकिन हमेशा ही प्रयास होता है कि समय पर वाहन पहुंचे।
गोपाल नेगी से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि हमारी टीम ने दिन-रात 24 घंटे काम किया उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि इस संकट की घड़ी में हम आपसी सहयोग से लोगों को 108 की निर्बाध सेवा दें ।
उक्त दोनों अधिकारियों ने कहा कि जब तक कोविड-19 की महामारी से छुटकारा नहीं मिल जाता हमारा प्रयास होगा कि हम 108 वाहन की उत्कृष्ट सेवायें इसी तरह दिन-रात ग्वालियर वासियों को देते रहेंगे।