अलग-अलग थीम पर अभी तक तैयार हुए मंच
वर्ष- थीम
– 2014 मिनिएचर पेंटिंग
– 2015 चौंसठ योगिनी मंदिर
– 2016 सहस्त्र बाहू मंदिर
– 2017 अस्सी खंभा की बावड़ी
– 2018 बटेश्वर
– 2019 बारादरी
– 2020 सूर्य मंदिर
– 2021 सिद्धेश्वर मंदिर
– 2022 चेन्नकेशव मंदिर बेल्लोर
उत्कृष्ट कलाकृतियों का प्रतीक है मानमंदिर महल
ग्वालियर फोर्ट पर मान मंदिर महल स्थित है। इसका निर्माण 1486 से 1517 के बीच राजा मानसिंह तोमर ने कराया था। सुंदर रंगीन टाइल्सों से सजे इस किले की समय ने भव्यता छीनी जरूर है, किन्तु इसके कुछ आंतरिक व बाह्य हिस्सों में इन नीली, पीली, हरी, सफेद टाइल्स द्वारा बनाई उत्कृष्ट कलाकृतियों के अवशेष अब भी इस किले के भव्य अतीत को प्रदर्शित करते हैं। इस किले के विशाल कक्षों में अतीत आज भी स्पंदित होता है। यहां जालीदार दीवारों से बना संगीत कक्ष है, जिनके पीछे बने जनाना कक्षों में राज परिवार की स्त्रियां संगीत सभाओं का आनंद लेती और संगीत सीखती थीं।
अब जाकर हुआ स्थानीय समिति का गठन
तानसेन समारोह मप्र शासन के संस्कृति विभाग का प्रतिष्ठापूर्ण कार्यक्रम है। इसके बावजूद इस बार महीनेभर पहले होने वाली स्थानीय समिति का गठन नहीं किया गया था, ना ही इसकी बैठक हुई थी। पत्रिका प्लस ने 13 दिसंबर के अंक में प्रमुखता के साथ इस संबंध में खबर प्रकाशित किया था। इसे ध्यान में रखते हुए संस्कृति विभाग ने आनन-फानन में तानसेन समारोह वर्ष 2023-24 के लिए स्थानीय समिति का गठन कर दिया है। इसमें विशेष आमंत्रितों के साथ सदस्यों को शामिल किया है। तानसेन समारोह की स्थानीय समिति में इस बार 54 लोगों को लिया गया है। इसके साथ ही स्थानीय समिति की बैठक 17 दिसंबर रविवार को दोपहर 12 बजे न्यू कलेक्टर कार्यालय कलेक्ट्रेट मीटिंग हॉल में रखी गई है। मजे की बात यह भी है कि तानसेन समारोह के आयोजन में अब सिर्फ 9 दिन का ही समय बचा है, लेकिन अब तक तानसेन कलावीथिका के प्रभारी विजय श्रवण ग्वालियर में आए ही नहीं हैं। वे भोपाल में रहकर ही तैयारियों का जायजा ले रहे हैं। हर साल कलावीथिका के प्रभारी की तानसेन समारोह की तैयारियों में सबसे अहम भूमिका रहती है। पत्रिका ने जब फोन पर उनसे चर्चा की तो उनका कहना था कि तैयारियां तो जारी हैं, मैं तो शायद नहीं आ पाऊंगा।