ग्वालियर

तानसेन समारोह : शिव के कहने पर तानसेन ने छेड़ी थी तान, टेढ़ा हो गया मंदिर

तानसेन समारोह को देश-विदेश के पर्यटक देखने आते हैं। झिलमिल नदी के किनारे है इनका स्थल, संगीत के सम्राट तानसेन शिव जी के थे बड़े भक्त।

ग्वालियरDec 25, 2021 / 09:55 pm

Faiz

तानसेन समारोह : शिव के कहने पर तानसेन ने छेड़ी थी तान, टेढ़ा हो गया मंदिर

ग्वालियर. अकबर के नौ रत्नों में से एक संगीत सम्राट तानसेन का जन्म बेहट के एक मरकंड पांडे के परिवार में 1506 में हुआ था। ब्राह्मण परिवार के होने के बावजूद तानसेन बकरियां चराते थे और रोजाना बकरी का दूध झिलमिल नदी के किनारे बने भगवान शिव के मंदिर में चढ़ाते थे। एक बार वे भगवान शिव पर दूध चढ़ाना भूल गए, लेकिन जब शाम को खाना खाते समय याद आया तो वे व्याकुल हो उठे और खाना छोड़कर दूध चढ़ाने के लिए मंदिर की ओर रवाना हो गए।

 

कहते हैं कि, बालक तानसेन की इस भक्ति से भगवान शिव इतने प्रसन्न हुए कि उन्हें साक्षात दर्शन देते हुए उनसे संगीत सुनने की इच्छा प्रकट की। शिवजी के कहने पर तानसेन ने ऐसी तान छेड़ी कि शिव मंदिर ही टेढ़ा हो गया।

 

यह भी पढ़ें- अब पुलिस की वर्दी पर लगेंगे खास कैमरे, अपराधियों की धरपकड़ और कार्रवाई होगी LIVE


ग्वालियर से सीखा संगीत का ककहरा, वृंदावन से ली थी उच्च शिक्षा

ग्वालियर से संगीत का ककहरा सीखने के बाद तानसेन ने वंदावन में संगीत की उच्च शिक्षा ली। इसके बाद शेरशाह सूरी के पुत्र दौलत खां और फिर बांधवगढ़ (रीवा) के राजा रामचंद्र के दरबार के मुख्य गायक रहे। यहां से सम्राट अकबर ने उन्हें आगरा बुलाकर अपने नवरत्नों में शामिल कर लिया था।

 

यह भी पढ़ें- पाकिस्तान से आ रही सर्द हवाओं से गिरेगा तापमान, यहां पड़ेगा असर, बारिश के भी आसार


मोहम्मद गौस के वरदान से जन्मे तानसेन

इतिहासकारों के अनुसार तानसेन का जन्म ग्वालियर के तत्कालीन प्रसिद्ध फकीर हजरत मौहम्मद गौस के वरदान स्वरूप हुआ। संगीत सम्राट तानसेन बेहट के किले की गढ़ी के पास रहने वाले बघेल परिवार के यहां रहते थे। उनकी मृत्यु 1589 में हुई थी।

 

फर्स्ट चर्च सीएनआई में मनाया प्रभु यीशु का जन्म दिवस, देखें Video

Hindi News / Gwalior / तानसेन समारोह : शिव के कहने पर तानसेन ने छेड़ी थी तान, टेढ़ा हो गया मंदिर

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.